सनातन धर्म में स्वास्थ्य के देवी और देवता

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
04-05-2020 11:10 AM
सनातन धर्म में स्वास्थ्य के देवी और देवता

सनातन धर्म परम्परा में कई देवी और देवताओं की पूजा और अराधना की जाती हैं जो कि मनुष्य के विभिन्न जीवन के पडावों से जुड़े होते हैं। सनातन धर्म में प्रकृति को देवता का दर्जा दिया गया है और यही कारण है की तमाम वृक्ष, जीव आदि देवताओं से सम्बंधित हैं उदाहरण के लिए वट वृक्ष को देख सकते हैं जो की बृहस्पति का प्रतीक माना जाता है। वर्तमान समय में हम कोरोना (Corona) नामक वैश्विक महामारी से जूझ रहे है ऐसे में हमें कई ऐसे देवताओं ऋषियों के नाम याद आते हैं जो की वर्तमान में पूजे भी जाते हैं और जिनका सम्बन्ध कुछ रोगों को ठीक करने से भी है।

हम जौनपुर के लोग किसी भी समस्या, ख़ुशी आदि के आने पर एक स्थान पर जरूर माथा टेकने जाते हैं और वह स्थान है माता शीतला चौकिया धाम। शीतला चौकिया धाम जौनपुर के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है, यहाँ पर हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं जो माता से अपने कुशल भविष्य की कामना करते हैं। शीतला माता को दुर्गा माता के अवतार के रूप में देखा जाता है, यदि माता शीतला की सवारी के विषय में बात करें तो यह गर्दभ या गधे की सवारी करती हैं तथा इनका सम्बन्ध नीम के वृक्ष से है, इनके एक हाथ में झाड़ू तथा दूसरे में कमंडल प्रदर्शित किया जाता है। शीतला माता को शीतलता के लिए जाना जाता है तथा यह माना जाता है कि शीतला माता चेचक आदि बीमारियों को दूर करने का कार्य करती हैं। जौनपुर का शायद बच्चा बच्चा शीतला देवी और ज्वारवासरा की कहानी से परिचित होगा। हिन्दू धर्म में अन्य ऐसे कई देवता और ऋषि हैं जो कि स्वास्थ के देवता के रूप में जाने जाते हैं।

अब जब स्वास्थ के देवताओं की बात करें तो अश्विनी कुमारों का विवरण अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि इनके नाम से देखा जाए तो माना जाता है की ये दो घोड़ों पर सवार होते हैं, अश्विन कुमारों को चिकित्सा से सम्बंधित वैदिक देवता के रूप में देखा जाता है। ऋग्वेद में इन्हें युवा घुड़सवारों के रूप में वर्णित किया गया है तथा यह माना जाता है की ये जिस रथ में सवार करते हैं वो कभी थकते नहीं हैं। ये देवता जीवन को पुनः ला सकने में सक्षम है तथा ऋग्वेद के श्लोकों में करीब 398 बार इनसे जुड़े विवरण प्राप्त होते हैं। अश्विन कुमारों के प्रतिमा शास्त्र की बात करें तो ये दो घोड़ों के साथ दिखाए जाते हैं।

दक्षिण भारत में मरिअम्मन या मारिया देवी को स्वास्थ सम्बन्धी देवी के रूप में देखा जाता है। ये दक्षिण भारत की हिन्दू देवी हैं जिनके अनेकों मंदिर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उपस्थित हैं। ये तमिलनाडु के तिरुचिराय के ग्रामीण इलाकों की प्रमुख देवी के रूप में जानी जाती हैं। इन देवी को उत्तर भारत के शीतला देवी के साथ जोड़ कर देखा जाता है। दक्षिण भारत और दक्कन के क्षेत्र में प्रचारित त्यौहार थिरुविजा मारिया देवी को ही समर्पित हैं। इनकी पूजा मुख्य रूप से वर्षा लाने, हैजा, चेचक जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इनकी पूजा दक्षिण भारतीय गावों में ग्राम देवी के रूप में की जाती है जो आम तौर पर गैर ब्राह्मण पुजारियों द्वारा संपन्न होती है। यदि इनकी प्रतिमा शास्त्र की बात करें तो इनको लाल रंग की पोशाक में प्रदर्शित किया जाता है, कई बार इनको विभिन्न शस्त्रों से भी सुसज्जित करके दिखाया जाता है। इनके एक हाथ में त्रिसूल दूसरे हाथ में कपाल तथा इनके हाथों को अभयमुद्रा में दिखाया जाता है। एक ओर इनका सौंदर्य और मनोहर रूप प्रस्तुत किया जाता है तो दूसरे ओर इनको भयानक रूप से भी प्रस्तुत किया जाता है जिसमे इनके नुकीले दांत आदि का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। इन देवी देवताओं के अलावा एक अन्य देव हैं जिनको धन्वन्तरी के नाम से जाना जाता है। बिहार के कुम्र्हार नामक पुरास्थल से धन्वन्तरी के आरोग्यविहार के साक्ष्य की प्राप्ति हुयी है। मुख्य रूप से इनकी पूजा अर्चना धनतेरस या धन्वन्तरी त्रयोदशी पर की जाती है।

हाल में ही भारत सरकार ने इनकी याद में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की घोषणा की है। धन्वन्तरी को स्वास्थ के देव के रूप में जाना जाता है। विभिन्न ग्रंथों जैसे रामायण और भागवत पुराण में इनका विवरण प्राप्त होता है। मान्यता के अनुसार इनका जन्म समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ हुआ था। ऐसी भी मान्यता है कि धन्वन्तरी ही आयुर्वेद के अभ्यास को चरम तक ले कर गए थे। विष्णुधर्मोत्तरा में धन्वन्तरी को एक सुन्दर व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है तथा इनको प्रतिमा में चार भुजाओं वाला बताया गया है जिसमे एक हाथ में शंख, चक्र, जोंक और अमृत का कलश लिए दिखाया जाता है। इनका प्रतिमा शास्त्र में जो वर्णन मिलता है वह विष्णु से जोड़ खाता है।

चित्र (संदर्भ):
1.
मरियमन (Wikipedia)
2. चौकिया धाम जौनपुर (Prarang)
3. अश्विनी कुमारों का चित्र (Wikimedia)
4. मरियम्मन, सिंहासन पर ललितासन में बैठे हुए (Wikipedia)
5. धन्वंतरी जीवन के अमृत प्याले के साथ (Wikiwand)
सन्दर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/A%C5%9Bvins
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Dhanvantari
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Mariamman

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.