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एक प्रतिस्पर्धी दुनिया में जितना महत्वपूर्ण एक उत्पाद होता है उतना ही महत्वपूर्ण पैकेजिंग (Packaging) और ब्रांडिंग (Branding) को माना जाता है। जौनपुर सैंकड़ों वर्षों से एक प्रकार के इत्र बनाने के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही भारत में कन्नौज, हैदराबाद और लखनऊ सहित अन्य क्षेत्रों में भी इत्र बनाए जाते हैं। हालाँकि, जौनपुर में इत्र के लिए कांच की बोतलों का निर्माण कहीं और (अक्सर फिरोजाबाद, आगरा के पास) से होने के कारण इनकी बोतलों और बोतलों के लेबलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। प्रारंग ने जौनपुर और इसके इत्र पर कई लेख लिखे हैं, जिन्हें आप इस लिंक में जाकर पढ़ सकते हैं।
जौनपुर के मशहूर इत्र का ज़िक्र विध्यापति के काव्य रचना में भी हुआ है। लेकिन वर्तमान समय में, इत्र की बोतलें इकट्ठा करना एक लोकप्रिय और आकर्षक शौक बन कर सामने उभरा है और पुरानी बोतलों की खोज करने वालों के लिए हमारा जौनपुर एक शानदार स्थान है। भारत में चेन्नई, पुणे और जयपुर में इत्र की शीशी के संग्रह पर पुरुस्कार दिए जाते हैं। वहीं इत्र की बोतलों और उनके लेबलों के संग्रह के शौकीनों द्वारा भी अपना एक संग्रह शुरू किया जा सकता है।
इत्र के संग्रह में कई लोकप्रिय शैलियाँ शामिल है, जैसे, कैसे अपनी स्वयं का मूल्यांकन मेज वैनिटी टेबल (Vanity table) या पाउडर रूम (Powder room) के लिए एकदम सही उत्पाद खोजें और कैसे इत्र को किसी प्रियजन के लिए विचारशील उपहार के रूप में स्रोत करें। 19 वीं शताब्दी में शुरू, इत्र की बोतलों को बड़े पैमाने पर इत्र निर्माताओं द्वारा अपने घर में रखा गया था, इन सुगंधित पदार्थो को रखने के लिए उपयोग की जाने वाली बोतलों के अनोखे डिजाइन (Design) को देखते हुए, इत्र की खाली बोतलों को दुबारा पसंदीदा इत्र भरने के लिए बेचा जाने लगा।
प्राचीन और पुरानी इत्र की बोतलें कई आकार, आकृति, डिजाइन और परिष्कार में आती हैं, लेकिन कई किस्में हैं जो दूसरों की तुलना में अधिक वांछनीय मानी जाती हैं। उदाहरण के लिए, चेकोस्लोवाकियन (Czechoslovakian) इत्र की बोतलें जो प्रचुर रंगों, परिष्कार और अलंकृत डिजाइनों के साथ सबसे अधिक संग्रहणीय होती हैं। वहीं इत्र की बोतलें केवल पाउडर रूम टेबल पर संग्रह करने के लिए नहीं थीं, कुछ को पहना जाने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में इत्र की बोतल की मालाएं काफी लोकप्रिय थीं।
इत्र की बोतलें रोमन और मिस्र के साम्राज्यों के स्वर्ण युग में एक परंपरा के समान थी। इस तरह के एक लंबे और समृद्ध इतिहास के साथ हमारे समक्ष कई प्राचीन इत्र की बोतलें एकत्र करने के लिए हैं। चीनी मिट्टी, कांच और धातु सामग्री से बनी इत्र की बोतलें, मध्य युग के दौरान पूरे यूरोप में लोकप्रिय रहीं थी। बाद में एडवर्डियन (Edwardian) इत्र की बोतलों का निर्माण पूरी तरह से धातु, अक्सर चांदी या सोने और चित्रित अलंकृत नक्काशी से किया गया था। वहीं इसके बाद और आज भी, विक्टोरियन (Victorian) इत्र की बोतलों में कांच के सरल डिजाइन और मुख्य रूप से चांदी के ढक्कन का इस्तेमाल किया जाता है। इन पुरावशेषों में से सबसे प्राचीन और दुर्लभ इत्र की बोतलें न केवल व्यक्तियों द्वारा एकत्र की जाती हैं, बल्कि संग्रहालयों और मानवविज्ञानीयों द्वारा भी संग्रहित की जाती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप इनमें से किसी एक को अपने स्वयं के संग्रह में रख सकते हैं। एटमाइज़र (Atomizers) किसी भी इत्र की बोतल के संग्रह के लिए एक अच्छा संयोजन है, चूंकि वे 19 वीं सदी के अंत में 1960 के दशक से लोकप्रिय थे। एटमाइज़र विभिन्न आकार, रंग और सामग्री में आते हैं।
अपने संग्रह को कैसे प्रदर्शित करें -
पाउडर रूम के स्वरचिहन के रूप में: एक सुंदर स्वरचिहन को बनाने के लिए एक विंटेज सिल्वर ट्रे (Vintage silver tray) के ऊपर पाउडर-रूम काउंटर (Powder room counter) पर इत्र की बोतलों का संग्रह प्रदर्शित करें। एक विशेष रूप से रंगीन संग्रह दिखाते हुए, एक खिड़की पर व्यवस्थित इत्र की बोतलें प्रकाश को पकड़ेंगी और अपवर्तित करेंगी।
एक अतिथि शयनकक्ष में: शयनकक्ष में पलंग के पास स्टैंड (Stand) पर इत्र की शीशी रखी जा सकती है, जिनका सोने से पहले चादरों में छिड़काव किया जा सकता है। आप अन्य जगहों में भी अपने पसंदीदा इत्र को प्रदर्शित कर सकते हैं।
यदि आपको लगता है कि आप अकेले ही इत्र की बोतलों के संग्राहक हैं, तो आपको इस बात से अवगत कर देते हैं कि इत्र की बोतलों के संग्राहकों का एक बहुत बड़ा समूह है। वर्तमान समय में, चेन्नई स्थित मिलाप के शौक ने 5,000 इत्र की बोतलों के विशाल संग्रह के साथ प्रसिद्धि प्राप्त की है। उनके विशाल संग्रह के हिस्से के रूप में उनके पास वर्साचे (Versace), क्रिश्चियन डायर, गुच्ची (Gucci), अरमानी (Armani) और ह्यूगो (Hugo) भी हैं। वाईएसएल, फेरारी और हार्ले डेविडसन की बोतलें भी कुछ उल्लेखनीय हैं। महाराष्ट्र के पुणे में जीवन पवार ने 24 मार्च, 2017 तक विभिन्न आकारों, ब्रांडों और आकृतियों की 1,431 इत्र की बोतलें एकत्रित कीं थी। जयपुर, राजस्थान के केदार नाथ सोनी के पास 1 अक्टूबर 2013 को 200 मनोहर इत्र की बोतलों का कुल संग्रह था।
श्रेष्ठ और पुराकालीन इत्र की बोतलें विशिष्ट आकर्षण को घर में वापस लाने का एक खूबसूरत तरीका है। इन इत्र की बोतलों को आप इत्र रखने के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं, या बस उन्हें अन्य कांच के संग्रह के साथ प्रदर्शित करने के लिए एक उचित स्थान में रख सकते हैं, ये किसी भी घर के लिए आश्चर्यजनक परिशिष्ट बनते हैं।
चित्र (संदर्भ:)
सभी चित्रों में इत्र की बोतलों के निजी संग्रह को दिखाया गया है।
1. Pixels
2. दूसरे चित्र में ऊंट की खाल से बनी दुर्लभ इत्र की बोतल दिखाई गयी है।, Wikipedia
3. तीसरे चित्र में पुराने समय में प्रचलित चांदी से बने इत्र के पात्र को दिखाया है।, unsplash
4. Youtube
5. अंतिम चित्र में हाथी के आकर में बनाये गए इत्र पात्र की छवि है।, Wikiwand
संदर्भ :-
1. https://www.invaluable.com/blog/how-to-collect-perfume-bottles/
2. https://bit.ly/3aCLZQY
3. https://bit.ly/3cHb92k
4. https://indiabookofrecords.in/largest-collection-of-fancy-ittar-bottles/
5. https://bit.ly/2KyjKZk
6. https://www.hamarajaunpur.com/2012/05/blog-post_13.html
7. https://bit.ly/3bDIqeK
8. https://bit.ly/358BxQb
9. https://www.perfumebottles.org/
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