हर दृष्टि से काफी लाभदायक है सेमल का पेड़

पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें
13-03-2020 10:40 AM
हर दृष्टि से काफी लाभदायक है सेमल का पेड़

मनुष्य द्वारा काफी लम्बे समय से पेड़ों का उपयोग विभिन्न प्रकार के लाभ अर्जित करने के लिए किया जा रहा है। ऐसे ही जौनपुर में भी पाए जाने वाले ‘सेमल’ के वृक्ष से अनेक प्रकार के लाभ मनुष्य और पशु-पक्षियों द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। सेमल के पेड़ को बॉम्बैक्स (Bombax) जीनस (Genus) के अन्य पेड़ों की तरह सामान्यतः कपास के पेड़ के रूप में जाना जाता है, विशेष रूप से इसे कभी-कभी लाल रेशम-कपास के नाम से भी संबोधित किया जाता है।

इस एशियाई उष्णकटिबंधीय पेड़ का तना सीधा और लंबा होता है, जो औसतन 20 मीटर तक बढ़ता है और इसके पुराने पेड़ 60 मीटर तक लंबे पाए गए हैं। वहीं इस पेड़ की पत्तियाँ सर्दियों में झड़ जाती हैं और पाँच पंखुड़ियों वाले इसके लाल फूल वसंत में नए पत्तों से पहले खिल जाते हैं। साथ ही इसके फल के पकने पर उसमें से कपास जैसा सफेद रेशा निकलता है। वहीं जानवरों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए इसके तने में कांटे लगे होते हैं। ये कांटे विशेष रूप से युवा पौधों में देखे जा सकते हैं, लेकिन बड़े होने पर गायब हो जाते हैं। हालांकि इसके तने की मोटाई को देखते हुए इसे लकड़ी के लिए उपयोगी माना जा सकता है, लेकिन यह लकड़ी उपयोग करने के लिए काफी नरम होती है।

सेमल का वृक्ष व्यापक रूप से दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों (जैसे म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, दक्षिणी चीन और ताइवान, आदि) में लगाया जाता है। एक चीनी ऐतिहासिक रिकॉर्ड (Record) के अनुसार, नाम यूएट (Nam Yuet - वर्तमान में दक्षिणी चीन और उत्तरी वियतनाम में स्थित है) के राजा, ज़ाओ तुओ (Zhao Tuo) ने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हान राजवंश के सम्राट को ये पेड़ दिया था। मार्च / अप्रैल में खिलने वाले अपने सुंदर लाल फूलों के कारण भारत में इसे व्यापक रूप से पार्कों (Parks) और यहां की सड़कों पर लगाया जाता है।

यह पेड़ नई दिल्ली में काफी आम है, हालांकि अर्ध शुष्क जलवायु के कारण यह अपने पूर्ण 60 मीटर के आकार तक नहीं पहुंच पाता है। मई के प्रारंभ में इस पेड़ के कपास के तंतुओं को हवा में तैरते हुए देखा जा सकता है। ये पेड़ उपोष्णकटिबंधीय जलवायु और भारी वर्षा के कारण, पूरे पूर्वोत्तर भारत में घनी आबादी में पाए जाते हैं। म्यांमार में, इसके फूलों को सुखाकर पकाया जाता है और ये वहाँ पर पारंपरिक खाद्य पदार्थों में से एक है।

सेमल के पेड़ के विभिन्न अंगों का विभिन्न रूप से उपयोग किया जाता है, जिनमें से कुछ निम्न हैं:
सेमल के फूल का सूखा अंदरूनी भाग शान राज्य और उत्तरी थाईलैंड के व्यंजनों जैसे मसालेदार नूडल सूप (Noodle Soup) का एक अनिवार्य घटक है।
इसके फूल की कलियों को "मराठी मोग्गू" के रूप में जाना जाता है, जिसका उपयोग दक्षिणी भारत के क्षेत्रीय व्यंजनों में मसाले के साथ-साथ दवाओं में भी किया जाता है।
इसके बीज में पाए जाने वाले कपास का उपयोग तकिये, कुशन (Cushion) आदि के लिए एक भराई सामग्री के रूप में किया जाता है। जल रोधक और तैरने की क्षमता रखने के कारण इसका उपयोग जीवन रक्षा जैकेट (Life Jacket) में भरने के लिए भी किया जाता है।
इसकी छाल और जड़ से एक पारदर्शी गोंद निकलती है, जिसे राख और अरंडी के तेल के साथ मिश्रित करके लोहे के सॉसपैन (Saucepan) बनाने में उपयोग किया जाता है।
इसके बीज से प्राप्त एक तेल का उपयोग साबुन बनाने आदि के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कपास के तेल के विकल्प के रूप में भी किया जा सकता है।
इसकी रेशेदार छाल का उपयोग रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।

सेमल का उपयोग कुछ रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है, जैसे
इसे दस्त और पेचिश जैसी संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
सेमल का उपयोग घावों में भी किया जा सकता है। इसके छाल को पीसकर, पानी में मिलाकर पेस्ट (Paste) बना लें, फिर इसे घाव में लगाया जा सकता है।
जले हुए भागों पर सेमल से प्राप्त होने वाले कपास को जलाकर लगाया जा सकता है।

किसी भी उपचार को घर में करने से पहले चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।

सेमल को कैंटोनीज़ (Cantonese – चीनी भाषा का एक रूप जो मुख्यतः दक्षिण-पूर्वी चीन में प्रयोग किया जाता है) में "कॉटन-ट्री फ्लावर्स" (Cotton-tree flowers) कहा जाता है। यह दक्षिणी चीनी में विशेष रूप से कैंटोनीज़ संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दक्षिणी चीन में गुआंगडोंग (Guangdong) प्रांत की राजधानी गुआंगज़ू (Guangzhou) का आधिकारिक फूल भी है। इस फूल का उपयोग गुआंगज़ू स्थित चाइना की दक्षिणी एयरलाइन्स (China Southern Airlines) के ट्रेडमार्क (Trademark) के रूप में भी किया गया था।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Bombax_ceiba
2. https://indiabiodiversity.org/species/show/31106
3. http://tropical.theferns.info/viewtropical.php?id=Bombax+ceiba
4. https://herbpathy.com/Uses-and-Benefits-of-Bombax-Ceiba-Cid4487
चित्र सन्दर्भ:
1.
https://pxhere.com/en/photo/1369306
2. https://pxhere.com/en/photo/1369317
3. https://pxhere.com/en/photo/1184070
4. https://vi.m.wikipedia.org/wiki/T%E1%BA%ADp_tin:Bombax_ceiba_Blanco1.226b.png
5. pxfuel.com/en/free-photo-eromf

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.