समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 726
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसलिए यहाँ पर कृषि एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। कृषि का और मौसम का एक अत्यंत ही गहरा नाता है। भारत की बात करें तो यहाँ पर सभी मौसम एक नियत समय के लिए आते हैं और कुछ न कुछ फसल प्रत्येक मौसम से सम्बंधित है। अब ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि अगर बारिश नहीं हुयी या ठण्ड ना पड़ी तो ऐसे में कई फसलें पैदा ही नहीं होंगी और यही भुखमरी का कारण बनता है। बंगाल महामारी को कौन भूल सकता है? 1940 के दशक की उस घटना ने तो सबको हिलाकर रख दिया था।
बंगाल की ही घटना का असर था कि गोलघर जैसा विचार आया और कालान्तर में फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (Food Corporation of India) तथा पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (Public Distribution System - PDS) नामक विभाग खोले गए। अब हम मान लें कि हमारा PDS कितना ही मजबूत क्यूँ ना हो परन्तु समय आने पर इसे भी राशन बाटने के लिए मौसम से आस लगानी पड़ती है क्यूंकि अनाज तभी होगा जब अनाज के अनरूप मौसम होगा। बारिश कृषि का एक ऐसा महत्वपूर्ण बिंदु है जिसका होना अत्यंत ही आवश्यक है अन्यथा फसलें सूखे की चपेट में आकर वैसे ही ख़त्म हो जाएँगी। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस समस्या से लड़ने का एक तरीका खोज लिया है जिसे क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) के नाम से जाना जाता है। क्लाउड सीडिंग कृत्रिम रूप से बारिश को तैयार करता है तथा यह बताये गए नियत स्थान पर बारिश कराता है।
यह कार्य करने के लिए एक विशेष प्रकार के विमान या रोकेट (Rocket) का उपयोग कर बदालों के ऊपर सिल्वर आयोडाइड (Silver Iodide) और क्लोराइड (Chloride) जैसे लवणों के कणों का छिड़काव किया जाता है। ये कण बादल में जाकर एक केंद्र का कार्य करते हैं तथा जलवाष्प को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। इससे बादल में नमी पैदा होती है जिससे पानी की बूंदों का निर्माण होता है और बारिश का सूत्रपात होता है। क्लाउड सीडिंग से सम्बंधित ही विचारों में ओलों को कम करना, कोहरे आदि को नष्ट करना भी एक विकल्प है।
1946 में पहली दफा अमेरिकी वैज्ञानिक विन्सेंट शेफर (Vincent Schaefer) और बर्नार्ड वोनगु (Bernard Vonnegu) ने सूखी बर्फ (ड्राई आइस/Dry Ice) के साथ क्लाउड सीडिंग जैसा प्रयोग कर के कृत्रिम बर्फ़बारी करवाई थी। भारत भी इस तकनीकी के शुरूआती दिनों से ही इसे प्रयोग में ला रहा है। सन 1952 के अंत में भारतीय मौसम विभाग के प्रथम भारतीय महानिदेशक, मौसम विज्ञानी एस. के. बनर्जी ने इस प्रयोग को किया था। 1951 के दशक में पश्चिमी घाट के क्षेत्र में टाटा फर्म (Tata Firms) ने सिल्वर आयोडाइड पर कार्य करने वाले ज़मीनी जनरेटरों (Ground Generators) से क्लाउड सीडिंग का कार्य किया था। 1957 से लेकर 1966 तक भारत भर में कई कार्य इस क्षेत्र में हुए।
वर्तमान समय में भारत में इस बिंदु पर विचार चल रहा है कि इसके माध्यम से उन स्थानों पर भी वर्षा कराया जाना संभव हो जाएगा जहाँ पर सूखे की बड़ी समस्या रहती है। भारत में, गंभीर सूखे के कारण, तमिलनाडु सरकार द्वारा 1983, 1984-87,1993-94 के दौरान क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन (Operation) किए गए थे। 2003 और 2004 के वर्षों में कर्नाटक सरकार ने क्लाउड सीडिंग की शुरुआत की। इसी प्रकार से देश भर के विभिन्न प्रान्तों में इस तकनीकी का फायदा उठाया जा चुका है। यह तकनीकी प्रदूषण की रोकथाम में भी अत्यंत कारगर सिद्ध होती है तथा इसके माध्यम से प्रदूषण के कणों को दबाने में मदद मिलती है।
सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Cloud_seeding#India
2. https://india.mongabay.com/2019/08/what-is-cloud-seeding/
3. https://bit.ly/32sL8zU
4. https://bit.ly/2PooaF5
5. https://bit.ly/391za2S
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Cloud_seeding#/media/File:Cloud_Seeding.svg
2. https://bit.ly/2TtoL9N
3. https://bit.ly/2T2nPtY
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.