समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 726
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
समुद्रों के निर्माण ने पृथ्वी पर जीवन स्थापना की दिशा को निर्देशित करने का कार्य किया था। पृथ्वी के विकास और महासागरों के निर्माण की प्रक्रिया क्रमिक है और इसी प्रक्रिया ने पृथ्वी पर जीवन की स्थापना की नींव डाली। इस लेख के माध्यम से हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर इन महासागरों की सीमाएं क्या होती हैं? ये बने कैसे, और इन सभी महासागरों में से सबसे पहले महासागर या मात्र महासागर कौन से थें? एक समय पूरी पृथ्वी एक पैंजिया (Pangea) नामक महाद्वीप के रूप में जानी जाती थी और ये पूरा समूह एक ही विश्व महासागर के रूप में जाना जाता था जिसका नाम था पन्थालस्सा (Panthalassa)। इसी महासागर से सभी अन्य सागर जलडमरुओं की भांति जुड़े हुए हैं। एक मात्र ऐसा महासागर है जो कि अन्य सागरों से अलग है वह है कैस्पियन सागर (Caspian Sea)। मूल रूप से यदि हम ध्यान दें तो दुनिया भर के भूभाग या महाद्वीप महासागरों के अनुसार ही विभाजित हैं। जलडमरू से जुड़े महासागरों में आर्कटिक (Arctic), अटलांटिक (Atlantic), प्रशांत (Pacific) हिन्द (Indian) और दक्षिण (Southern) महासागर हैं। अब जब हम बात करते हैं की महासागरों की सीमाएं कहाँ तक होती हैं। महासागरीय प्रक्रिया एक शरीर की तरह है जो कि एक ही धमनी से जुडी हुई होती है और सभी अंगों में खून का श्राव करती है, उसी प्रकार एक वैश्विक महासागर होता है।
सभी महासागरों का विभाजन यदि देखा जाए तो यह द्वीपसमूहों से प्रेरित हो कर निर्धारित किये गए हैं। यदि महासागरों का नाम ही देखा जाए तो उदाहरण के रूप में हमें प्रशांत, अटलांटिक, हिन्द महासागर आदि के नाम मिल जाते हैं। महासागरों के छोटे भाग को समुद्र, खाड़ी, खंड, जलडमरू आदि के नाम से भी जाना जाता है।
यदि महासागर के भौतिक गुणों की बात करें तो यह निम्नवत है-
यह पृथ्वी की भूपर्पटी (Crust) का क्षेत्र है, जिसके ऊपर महासागर का पानी स्थित होता है। महासागर की क्रस्ट वास्तव में ठोस ज्वालामुखी बसाल्ट (Basalt) पत्थर की एक परत है जो पृथ्वी के एक बहुत बड़े हिस्से को करती है। महाद्वीपीय क्रस्ट के आधार पर देखा जाए तो पृथ्वी पर तीन महासागर हैं - कैस्पियन सागर, विश्व (world) महासागर और काला (Black) सागर। महासागरों और जलडमरुओं आदि की रचना विभिन्न प्लेटों आदि के टकराने और उनमे हुए हलचलों के कारण हुयी है। महासागरों के विषय में यदि देखा जाए तो ये एक दूसरे से मिले हुए रहते हैं जिनमे अलग अलग स्थान पर समुद्र और सागर दोनों नाम आते हैं यदि मेडीटेरेनियन महासागर की बात करें तो उसमे ही कई अन्य सागरों का वास है उदाहरण स्वरुप बेलारिक सागर, अल्बोर्न सागर आदि।
यदि हम बात करें तो यह केवल भूमध्य सागर है जिसके बीच हम अंतर कर सकते हैं। समुद्रों के अलग अलग स्थान को देखने के लिए यह देखा जा सकता है कि इन समुद्रों में एक विपरीत या भिन्न पैटर्न दिखाई देता है। अब यह सवाल जरूर कचोटता है कि आखिर जब दो समुद्र या महासागर मिलते हैं तो उनका पानी एक दूसरे से मिलता है या वे मिलते नहीं हैं? वास्तव में एक सागर का पानी दूसरे सागर में मिलता है और कई स्थानों पर सागरों के मध्य के तापमान से पानी के रंग आदि में फर्क दिखाई भी देता है अन्यथा सागर को एक दूसरे से अलग थलग करना या पहचानने की कोई प्रभावी प्रक्रिया नहीं है।
सन्दर्भ:-
1. https://medium.com/@ignaciolirio/do-the-oceans-have-real-boundaries-637fcd7ea9be
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Borders_of_the_oceans
3. https://en.wikipedia.org/wiki/World_Ocean
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.