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वर्तमान समय में ई-कॉमर्स भारत में काफी सुर्खियों में है, लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि ई-कॉमर्स की अवधारणा को पहली बार 1990 के दशक के अंत में भारत में पेश किया गया था। वहीं अपनी उत्पत्ति के कुछ समय बाद ही एक अविश्वसनीय दर से इसमें वृद्धि होने लगी थी। ई-कॉमर्स प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन बाजार में प्रवेश करने वाली नई प्रौद्योगिकियों, नवाचारों और हजारों व्यवसायों के साथ वृद्धि कर रहा है।
आजकल जब भी कोई व्यक्ति कुछ भी खरीदना चाहता है, तो वे सबसे पहले इंटरनेट में ई-कॉमर्स साइटों में जाते हैं, तो चलिए इन साइटों के पहली बार इस मंच में आने के इतिहास पर एक नजर डालते हैं :-
1999 :- ई-कॉमर्स की सुरक्षा, सुविधा और उपयोगकर्ता अनुभव में 1999 में Rediff.com की स्थापना के बाद से बहुत सुधार देखा गया।
2000 :- रेडिफ के 3 से 4 महीने बाद, ई-कॉमर्स बाजार में इंडियाटाइम्स ने प्रवेश किया, हालांकि, दोनों कंपनियों में से कोई भी देश को ऑनलाइन शॉपिंग के बड़े पैमाने पर ले जाने में सक्षम नहीं रही थी। उसी वर्ष Baazee.com को पेश किया गया जो उपयोगकर्ताओं के लिए उत्पाद को खरीद और बेच सकने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
2002 :- IRCTC ने भारतीयों को ऑनलाइन टिकट बुक करना सिखाया।
2003 :- एयर डेक्कन ने भारत में कम लागत वाली एयरलाइंस शुरू की, जो एयरलाइन टिकट एकत्रीकरण के लिए एक उद्योग बनाने के लिए थी, इसे 2005 में, makeMytrip.com द्वारा प्राप्त कर लिया गया।
2006 :- Yatra.com ऑनलाइन फ्लाइट टिकटिंग इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाली दूसरी कंपनी थी।
2007 :- 2000 के मध्य के दौरान भारत में मल्टीप्लेक्स सिनेमा शुरू किया गया, जिसने ऑनलाइन टिकट प्लेटफ़ॉर्म के लिए जगह बनाई।
BookMyShow ने सही मोड़ पर प्रवेश किया और भारत की सबसे बड़ी मनोरंजन टिकटिंग वेबसाइट बन गई। BookMyShow के साथ-साथ भारत में उत्पाद आधारित ई-कॉमर्स वेबसाईट फ्लिपकार्ट ने कदम रखा और अपने आकर्षक अवसरों के साथ उपभोक्ताओं को बड़े पैमाने में आकर्षित किया।
2009 :- Myntra.com ऑनलाइन उत्पादों के निजीकरण के व्यवसाय में उभरा था, जिसने बाद में खुदरा फैशन और जीवन शैली उत्पादों में अपनी सूची का विस्तार किया।
2010 :- Snapdeal.com को एक दैनिक सौदों के मंच के रूप में शुरू किया गया था लेकिन सितंबर 2011 में इसमें व्यापक रूप से विस्तार किया गया।
2012 :- Jabong.com एक भारतीय फैशन और लाइफस्टाइल ई-कॉमर्स पोर्टल है। यह 2013 में सबसे अधिक बार लोगों द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइटों में से एक थी।
2013 :- Amazon.com ने 2013 में भारत में अपनी साइट को शुरू किया और यह इलेक्ट्रॉनिक सामानों के साथ शुरू हुई थी और अब फैशन परिधान, सौंदर्य, घर के आवश्यक सामान और स्वास्थ्य संबंधी सामानों की श्रेणियों में विस्तारित हो गया है।
ई-कॉमर्स का इतना रोमांचक इतिहास पड़ने के बाद आवश्य ही आप लोगों के मन में इस मंच में व्यपार करने का मन करने लगा होगा। वास्तव में आजकल हर कोई ई-कॉमर्स में व्यवसाय शुरू करना चाहता है लेकिन व्यवसाय कैसे शुरू करें, इसकी जानकारी नहीं होने के कारण वे अपना व्यवसाय आरंभ नहीं कर पाते हैं।
निम्न कुछ महत्वपूर्ण सूची है, जिसे ई-कॉमर्स में व्यवसाय स्थापित करने से पहले किया जा सकता है :-
1) उत्पाद का चयन करना :- ई-कॉमर्स व्यवसाय बनाने का पहला चरण यह जानना है कि आप किन उत्पादों को उपभोक्ता को बेचना चाहते हैं। इसके लिए आप अपने विचारों का मूलियांकन करें और उसके बाद उन उत्पादों को प्राप्त करें।
2) अनुसंधान और तैयारी :- उत्पाद का चयन करने के बाद, क्षमता का मूल्यांकन करें और अपने आपूर्तिकर्ता का चयन की खोज करें। अब आप व्यवसाय करने के लिए संपूर्ण रूप से तैयार हैं, लेकिन आपको अपनी प्रतिस्पर्धा पर पूरी तरह से शोध करने की आवश्यकता है ताकि आप जान सकें कि आप क्या कर रहे हैं और आप अपने व्यवसाय को कैसे अलग कर सकते हैं।
3) व्यवसाय को स्थापित करें :- ऑनलाइन बेचने के लिए एक सबसे अलग उत्पाद खोजने के अलावा, सबसे चुनौतीपूर्ण निर्णय आपके व्यवसाय या ब्रांड के नाम का निर्धारण करना है। एक उपयुक्त और उपलब्ध डोमेन के नाम का चयन करें। नाम और डोमेन का चयन करने के बाद एक साधारण प्रतीक चिन्ह को तैयार करें। हालाँकि आब आपके पास पर्याप्त चीजें उपलब्ध हो चुकी हैं, लेकिन खोज इंजन अनुकूलन की मूल जानकारी भी होनी चाहिए। खोज इंजन की बेहतर जानकारी के साथ, अब आप अपना व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं।
4) आदर्श ई-कामर्स मंच की तुलना करें और चुनें :- वर्तमान बाजार की गतिशीलता में, ऑनलाइन मार्केटप्लेस लॉन्च करने का सबसे किफायती और व्यावहारिक तरीका ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म है। इसलिए, अगला व्यावहारिक कदम ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना करना और एक आदर्श मंच का चयन करना है।
4) ग्राहकों को कैसे आकर्षित करें :- वैसे तो आम बाजार में व्यवसाय स्थापित करने के बाद नए दुकानदार कई तरीकों का उपयोग करके ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, ऐसे ही डिजिटल मार्केटिंग में कुछ लक्षित ट्रैफ़िक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
अपना खुद का ईकॉमर्स व्यवसाय बनाना उतना ही चुनौतीपूर्ण है जितना यह रोमांचक लगता है। जाहिर सी बात है कि यह काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सभी कंपनियां इससे पर्याप्त आय नहीं बना पाती हैं,
निम्न कुछ वो चुनौतियाँ हैं जिससे प्रत्येक ई-कॉमर्स कंपनियां गुजरती हैं :-
1) कई बार लोगों की ऑनलाइन पहचान सत्यापन की अनुपस्थिति की वजह से विक्रेता को कई जोखिम उठाने पड़ते हैं।
2) प्रतियोगियों का विश्लेषण करना काफी मुश्किल होता है, इसलिए एक हटके चुनी गई रणनीति ही सहायक सिद्ध हो सकती है।
3) शॉपिंग कार्ट परित्याग एक बहुत बड़ा मुद्दा है। यहां तक कि ई-कॉमर्स दिग्गज भी इस समस्या से प्रतिरक्षित नहीं हैं।
4) ग्राहक के साथ निष्ठपूर्ण आचरण बनाए रखना, एक काफी अच्छी डिजाइन की गई वेबसाइट भी यदि ग्राहकों के साथ निष्ठपूर्ण आचरण नहीं दिखाती है तो यह व्यवसाय के लिए बाध्य सिद्ध होगा।
5) उत्पाद के वापस और पैसे के वापस करने का सिर दर्द।
संदर्भ :-
1. https://www.shopify.in/blog/ecommerce-business-blueprint
2. https://www.yo-kart.com/blog/8-things-to-do-before-launching-an-ecommerce-marketplace/
3. https://acquire.io/blog/problems-solutions-ecommerce-faces/
4. https://www.softwaresuggest.com/blog/ecommerce-in-india/
5. https://ecommerce-platforms.com/ecommerce-selling-advice/ultimate-epic-guide-successful-online-shop
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