जौनपुर के कृषि क्षेत्र में मशीनों के उपयोग से होगा लाभ

नगरीकरण- शहर व शक्ति
07-09-2019 11:11 AM
जौनपुर के कृषि क्षेत्र में मशीनों के उपयोग से होगा लाभ

निरंतर बढ़ती आबादी को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्नों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अधिक उत्पादन की दर को बनाए रखना आवश्यक है। वहीं अधिक उत्पादन के लिए खेती में उन्नत कृषि यंत्रों का सघन प्रयोग भी ज़रूरी है। इससे जहाँ एक ओर कृषि कार्य समय से हो जाते हैं वहीं उत्पादन लागत में भी कमी आती है।

कृषि क्षेत्र का मशीनीकरण होना कृषि पद्धतियों के संचालन के लिए पारंपरिक तरीकों (जिसमें मानव और पशु श्रम शामिल होते हैं) के स्थान पर मशीनों के उपयोग को इंगित करता है। मशीनीकरण कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर (Tractor) द्वारा जुताई; ड्रिल (Drill) द्वारा बुवाई और उर्वरक लगाना; फसल थ्रेशर (Thresher) द्वारा काटी हुई फसलों की गहाई, आदि की जाती है। इस प्रकार, मशीनीकरण में जुताई से लेकर उपज के विपणन तक खेती के संचालन में विभिन्न मशीनों (Machines) का उपयोग शामिल किया जाता है।

मशीनीकरण अन्य आदानों की उपयोगिता दक्षता, कृषि कार्यकर्ता की सुरक्षा और कृषि उपज की गुणवत्ता और मूल्यवर्धन में सुधार और किसानों को दूसरी फसल लगाकर भारतीय फसलों को आकर्षक बनाने के लिए सक्षम बनाता है। हालांकि भारत को कृषि उत्पादन के मामले में शीर्ष देशों में से एक माना जाता है लेकिन कृषि मशीनीकरण के मामले में यह विश्व में औसत से पीछे है। उदाहरण के लिए, भारत में 1000 हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 16 ट्रैक्टर का घनत्व है, जबकि विश्व में औसत 19 ट्रैक्टर का घनत्व है और वहीं कई विकसित देशों में इससे भी बहुत अधिक है।

जौनपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी क्षेत्र के अन्तर्गत आता है और यहाँ वर्षा सामान्य रूप से 1,025 मिमी के साथ पर्याप्त होती है। साथ ही यहाँ की जलवायु शुष्क उप-आर्द्र से नम उप-आर्द्र होती है। वहीं यहाँ पर 70% से अधिक भूमि पर खेती की जाती है और 80% से अधिक खेती की गई भूमी की सिंचाई की जाती है। अब यदि बात करें फसल के प्रतिमान की तो यहाँ खरीफ मौसम में चावल, मक्का, तूर दाल, मूंग की फसलें आम हैं। बरसात के बाद रबी मौसम में गेहूं, मसूर, चना, मटर और तिल और कुछ स्थानों पर मूंगफली को एक या दो पूरक सिंचाई के साथ अवशिष्ट मिट्टी की नमी पर उगाया जाता है। इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण नकदी फसलें गन्ना, आलू, तम्बाकू, मिर्च, हल्दी और धनिया हैं और गन्ना मुख्य नकदी फसल है। चावल-गेहूं की फसल प्रणाली अधिक प्रभावी होती है।

जौनपुर की फसल प्रणाली (चावल-गेहूं) को देखते हुए निम्न कृषि तंत्र और उपकरण का सुझाव दिया गया है:

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/2lXz9cv
2. https://farmech.dac.gov.in/FarmerGuide/UP/index1.html
3. https://farmech.dac.gov.in/FarmerGuide/UP/2u.htm

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.