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विश्व का हर एक वह व्यक्ति जिसे कला के विषय में थोड़ी भी जानकारी होगी, वह मोनालीसा (Mona Lisa) की अमर तस्वीर से अवश्य परिचित होगा। मोनालीसा वास्तव में विश्व प्रसिद्ध इटली के महान कलाकार लियोनार्डो डा विंची की एक अद्भुत कलाकृति है, जिसे इन्होंने सन् 1503 से 1506 के मध्य चित्रित किया था परन्तु कुछ यह भी मानते हैं कि इसका काम 1513 से 1517 के मध्य हुआ। इस चित्र को बनाने में लियोनार्डो को लगभग चार वर्ष का समय लगा। चित्र की पृष्ठभूमि में खूबसूरत नदी, वृक्ष व झरनेयुक्त प्राकृतिक दृश्य को दर्शाया गया है तथा इसमें काले वस्त्र पहने एक महिला बैठी है, जिसके चेहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान है। इस मुस्कान पर भी अनेक शोध किए गए हैं, जिसके पीछे कुछ सार्थक तो कुछ निरर्थक कारण बताए गए। एक शोध में खुलासा किया गया कि इस तस्वीर की दाहिनी आंख में चित्रकार के नाम के अक्षर LV भी बनाए गए हैं। तस्वीर में महिला की पलकें और भौंहें नहीं है, जिस पर कई सवाल उठे। 2007 में फ्रांसिसी अभियंता पास्कल कॉट ने चित्र पर किए गए उनके अति उच्च रेज़ोल्युशन स्कैन (Ultra-high resolution scans) से पता लगाया कि इस तस्वीर में पलकें और भौहें थीं, लेकिन समय के साथ उनके रंग उतर गये।
मोनालीसा वास्तव में कोई महिला थी या सिर्फ लियोनार्डो की कोई कल्पना, यह कहना थोड़ा कठिन होगा। क्योंकि इसके विषय में भिन्न-भिन्न विद्वानों की अलग-अलग विचारधाराएं हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस तस्वीर में फ्लोरेंटाइन (Florentine) के एक व्यापारी फ्रांसेस्को डेल जियोकोंडो की पत्नी लीज़ा डेल जियोकोंडो को दर्शाया गया है। लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं हैं। इस तस्वीर की अज्ञात पहचान लोगों को इसके विषय में जानने के लिए और अधिक उत्सुक कर देती है।
इस तस्वीर को प्रारंभ के कई वर्षों तक फ्रांसिसी शाही घरानों में रखा गया, जिसे बाद में (1815) लौवर (Louvre) संग्रहालय में लाया गया। मोनालीसा की असली तस्वीर केवल 30 इंच लंबी और 21 इंच चौड़ी है, जिसे डा विंची ने एक चिनार (एक प्रकार का वृक्ष) के तख़्त पर चित्रित किया है। दा विंची को इस पर तस्वीर बनाने में महारत हासिल थी। लौवर संग्रहालय ने 2003 में इस तस्वीर के लिए 6.3 मिलियन डॉलर की लागत पर एक कमरा बनाया, जिसे तैयार करने में चार वर्ष का समय लगा। तस्वीर को संरक्षण प्रदान करने के लिए इसे एक ख़ास किस्म के शीशे के पीछे रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक प्रकाश के आने की व्यवस्था की गयी है, जिससे तस्वीर के मूल रंग दिखाई देते हैं। यह शीशा बुलेटप्रूफ (Bulletproof) है। अब इस तस्वीर के संरक्षण हेतु 750 मिलियन से 1 बिलियन डॉलर का बीमा कराया गया है जिसका अर्थ हुआ कि यह इसकी आज की कीमत है।
यह तस्वीर सदियों से फ्रांसिसियों की देख रेख में रखी गयी थी। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति की पत्नी जैकी केनेडी के अनुरोध पर इसे फ्रांसीसी राष्ट्रपति डी गॉल ने अमेरिका ले जाने की अनुमति दी थी। तब इसे पहली बार फ्रांस से बाहर ले जाया गया तथा वाशिंगटन डीसी में नेशनल गैलरी ऑफ़ आर्ट (National Gallery of Art) और फिर न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ द आर्ट्स (Metropolitan Museum of the Arts) में प्रदर्शित किया गया। 1960 से 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और रूस में इस तस्वीर को ले जाया गया, जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों ने इसे देखा।
यह अतुलनीय तस्वीर प्रारंभ में इतनी प्रसिद्ध नहीं थी। 1911 में हुयी इसकी चोरी ने इसे विश्व प्रसिद्ध बना दिया। यह तस्वीर पूरे दो साल बाद लौवर संग्रहालय में पुनः वापस आयी। इस तस्वीर के प्रसंशकों ने इसके लिए अनेक पत्र फूल इत्यादि भेजे। यहां तक कि इसका अपना मेलबॉक्स (Mailbox) भी है। इस तस्वीर पर समय-समय पर कुछ उपद्रवियों द्वारा हमले भी किए गए। वर्ष 1956 इस तस्वीर के लिए विशेष रूप से खराब रहा। इस वर्ष इसे नष्ट करने हेतु दो बड़े हमले किए गए, जिसके बाद इसे कड़ी निगरानी में रखा गया। फ्रांस के विरासत कानून के अनुसार इस तस्वीर को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है। लगभग 500 वर्ष पुरानी इस तस्वीर ने अपनी लोकप्रियता को यथावत बनाए रखा है।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Mona_Lisa
2. https://www.leonardodavinci.net/the-mona-lisa.jsp
3. https://www.britannica.com/story/why-is-the-mona-lisa-so-famous
4. https://bit.ly/2GgVdpO
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