ईद का इतिहास और ईद पर चाँद का महत्व

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
05-06-2019 11:00 AM

मुसलमानों का त्यौहार ईद रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाया जाता है। इस्लामी साल में दो ईदों में से ईद उल फितर एक है (दूसरा ईद उल जुहा या बकरीद कहलाता है)। पहला ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया था। उपवास की समाप्ति की खुशी के अलावा इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी। ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं।

ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे। इस दान को ज़कात उल-फ़ितर कहते हैं। इस ईद में मुसलमान 30 दिनों के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं।

आज प्रारंग आपके लिए लेकर आया है एक ऐसा चलचित्र जिसमें ईद का इतिहास और ईद पर चाँद का महत्व बताया गया है। इस चलचित्र को ज्ञान मंथन यूट्यूब चैनल द्वारा प्रसारित किया गया है।

सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Eid_al-Fitr
2. https://www.youtube.com/watch?v=gNxiInlsMBU

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