ईवीएम के जनक नहीं थे कोई गंभीर व्यक्ति, बल्कि थे एक कला प्रेमी

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
29-05-2019 12:01 PM
ईवीएम के जनक नहीं थे कोई गंभीर व्यक्ति, बल्कि थे एक कला प्रेमी

कुछ वर्षों पहले आयी शंकर निर्देशित ब्लॉक‌-बस्टर फिल्म ‘शिवाजी दी बॉस’ (Sivaji The Boss) ने तमिल फिल्म जगत और भारतीय फिल्म जगत में खूब धूम मचायी। फिल्म के दृश्यों और संवादों ने दर्शकों को खूब लुभाया, पर क्या आप जानते हैं कि इस ब्लॉक-बस्टर फिल्म के संवादक एस.रंगराजन (सुजाता) थे, जिनके संवादों की सराहना आज भी पूरे फिल्म जगत में की जाती है। 3 मई 1935 को जन्मे सुजाता ने 100 से भी अधिक उपन्यास लिखे तथा 250 लघुकथायें, विज्ञान पर 10 पुस्तकें और 10 मंचीय नाटक उनके लेखन का हिस्सा रहे। वे तमिल साहित्य के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं जिनके द्वारा कई तमिल फिल्मों की पटकथाएं और संवाद लिखे गये। तमिल लेखक एस. रंगराजन (सुजाता) का नाम सुजाता उनकी पत्नी के नाम पर दिया गया है। एक लेखक के रूप में उन्होंने अपने जीवन काल में कई लेखकों जैसे बालकुमारन, माधन, चारु निवेदिता आदि को प्रेरित किया।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डाक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम उनके मित्र रहे तथा दोनों ने अपनी बी.एस.सी. (भौतिकी) की डिग्री का अध्ययन 1954 में सेंट जोसेफ, त्रिची(Trichy) से किया। रंगराजन ने कई प्रिंट और ऑनलाइन पत्रिकाओं जैसे कुमुधम, अंबालाम, आदि के संपादक के रूप में भी काम किया। वे तमिल पाठकों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शुरुआत करने वाले पहले कुछ लेखकों में से एक थे। सुजाता की मृत्यु 73 वर्ष की उम्र में 27 फरवरी 2008 को चेन्नई में हुई। उन्होंने बालाचंदर, मणि रत्नम और शंकर जैसे शीर्ष निर्देशकों के साथ भी काम किया।

पर आज हम अचानक आपको इनके बारे में क्यों बताने लगे? वो इसलिए क्योंकि भारत में आज मतदान के मानक साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) के जनक तमिल लेखक एस. रंगराजन (सुजाता) ही थे। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited) में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ईवीएम के डिज़ाइन (Design) और उत्पादन की देखरेख की। भारत में ईवीएम का विकास और परीक्षण 1990 के दशक में राज्य के स्वामित्व वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Electronics Corporation of India) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा किया गया था जिसे 1998 और 2001 के चुनावों में पेश या प्रयोग किया गया। 2004 से भारत के सभी सामान्‍य और राज्य विधानसभा चुनावों में ईवीएम का उपयोग किया जा रहा है।

इससे पहले भारत में मतदान के लिये पेपर बैलट (Paper Ballot) और मैनुअल काउंटिंग (Manual Counting) का उपयोग होता था किंतु फर्जी मतदान, बूथ कैप्चरिंग (Booth Capturing) आदि की वजह से ईवीएम की आवश्यकता महसूस की गयी। ईवीएम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की दर को प्रति मिनट पांच वोट तक सीमित करना, "लॉक-क्लोज़" (Lock Close) सुविधा और मतदाता की पहचान पुष्टि हेतु मतदान हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का एक सुरक्षित डाटाबेस (Database), आदि विशेषताएं हैं। ईवीएम मशीन की सुरक्षा और सटीकता पर सवाल उठाये जाने पर उन्होंने लिखा था कि “इस आविष्कार पर मुझे उतना ही गर्व है जितना मेरे लेखन पर”।

1992 में आई मणिरत्नम की तमिल भाषा वाली रोमांटिक थ्रिलर (Romantic Thriller) रोजा को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था जिसके संवाद रंगराजन (सुजाता) द्वारा लिखे गये थे। असल में यह फिल्म इन्हीं के द्वारा लिखे गए एक उपन्यास पर आधारित थी जो पहले एक तमिल फिल्म और फिर एक हिंदी फिल्म बनी। चार दशकों से अधिक के साहित्यिक कैरियर (Career) में उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई ब्लॉक-बस्टर (Blockbuster) तमिल फिल्मों जैसे कमल हासन की विक्रम और शंकर की मुधलवन, अन्नियन आदि के लिये भी संवाद लिखे। फिल्म निर्देशक शंकर की अधिकांश ब्लॉक-बस्टर फिल्मों के संवाद उन्हीं के द्वारा लिखे गये हैं जिसके कारण वे आज भी उनकी कमी महसूस कर रहे हैं।

सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Electronic_voting_in_India
2. https://www.quora.com/What-are-some-interesting-fact-about-the-writer-Sujatha
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Sujatha_Rangarajan
4. https://bit.ly/30Q1aCW
5. https://bit.ly/2JKAONs

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