कृषि में सहयोगी ट्रैक्टर का जन्म एवं जीवन सफ़र

नगरीकरण- शहर व शक्ति
25-05-2019 10:30 AM
कृषि में सहयोगी ट्रैक्टर का जन्म एवं जीवन सफ़र

देश में समय के साथ तेजी से बढ़ते मशीनीकरण के चलते खेती करना बहुत ही आसान हो गया है। कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने में सबसे बड़ा अहम योगदान ट्रैक्टर (Tractor) का रहा है। सबसे पहले शक्ति-चालित कृषि उपकरण 19वीं शताब्दी के आरम्भ में आये। इनमें पहियों पर एक वाष्प-इंजन हुआ करता था। एक बेल्ट (Belt) की सहायता से यह सम्बन्धित कृषि उपकरण को चलाता था। कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले पहले भाप इंजन का आविष्कार 1812 में रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था और इसे बार्न इंजन (Barn Engine) के रूप में जाना जाता था। बार्न इंजन का उपयोग मुख्य रूप से मकई निकालने की मशीन को चलाने के लिए किया जाता था।

भाप ट्रैक्टर में कुछ विकास होने के बाद इसका व्यवहार खेत को तैयार करने, बीज बोने और फसल काटने के लिए किया जाने लगा। परंतु कृषि के लिए भाप ट्रैक्टर उपयोगी सिद्ध नहीं हुआ, क्योंकि यह अत्यंत भारी एवं मंदगतिगामी था। इसके अतिरिक्त ये काफी महंगा था और इसके बॉयलर (Boiler) में सिर्फ एक चिंगारी से आग लग सकती थी। 1890 में, फ्रोलिच ने एक नई डिज़ाइन तैयार की। उन्होंने भाप के इंजन के रनिंग गियर (Running Gear) पर एक सिलेंडर ईंधन वाले इंजन को लगाया और एक अल्पविकसित ट्रैक्टर बनाया जिसे सुरक्षित रूप से लगभग 3 मील प्रति घंटे की गति से चलाया जा सकता था। इस प्रकार फ्रोलिच ने इसके डिज़ाइन को और भी बेहतर बनाया और पहला गैसोलीन / पेट्रोल संचालित ट्रैक्टर का आविष्कार किया। उसके बाद विभिन्न प्रकर के गैस ट्रैक्टर का निर्माण किया जाने लगा और आजकल भी ट्रैक्टर के विकास के लिये अन्वेषण कार्य हो रहे हैं।

इन्हीं मशीनों में तकनीकी सुधार और विकास के परिणामस्वरूप सन 1903 में दो अमरीकी चार्ल्स डब्ल्यू. हार्ट और चार्ल्स एच. पार्र ने दो-सिलेंडर (2-Cylinder) वाले ईंधन से चलने वाले इंजन का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक पहला ट्रैक्टर बनाया था। इसके बाद इनका कृषि कार्यों में जमकर प्रयोग हुआ। 1916-1922 के बीच, 100 से अधिक कंपनियां कृषि उपयोग के लिए कृषि ट्रैक्टर का उत्पादन कर रही थीं। जॉन डीयर (John Deere) ने पहले 1837 में पहला स्टील का हल बनाया, और 1927 तक उन्होंने पहले ट्रैक्टर और स्टील के हल संयोजन तैयार किये। जिसका उपयोग उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ खेतों को तीन पंक्तियों में जोतने के लिए भी किया गया। 1930 के दशक के उत्तरार्ध तक, ट्रैक्टरों में स्टील के पहिये होते थे, परंतु इसके बाद इसमें रबर के पहिये लगाये गये। इसके बाद जॉन डीयर ट्रैक्टर के मॉडल ‘आर’ को पेश किया गया था, जिसकी शक्ति 40 हॉर्सपावर (Horsepower) से अधिक थी और साथ ही यह पहला डीज़ल ट्रैक्टर भी था। ट्रैक्टरों का विकास जारी रहा और 1966 तक, जॉन डीयर किसानों को ट्रैक्टर की पेशकश करने वाले पहले निर्माता बन गए।

शब्द "ट्रैक्टर" लैटिन शब्द "त्राहेर" से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘खींचना’। इसको दुनिया भर में विभिन्न प्रौद्योगिकी के साथ विकसित और आधुनिकीकरण किया है। भारत में ट्रैक्टर का उपयोग स्वतंत्रता के बाद ‘हरित क्रांति’ की शुरुआत से ही शुरू हुआ और तेजी से बढ़ा, क्योंकि भारत मुख्य रूप से कृषि प्रधान देश रहा है। इसके बाद ट्रैक्टर आयात और फिर विदेशी सहयोग के साथ विनिर्माण पर देश का ध्यान केंद्रित हुआ। भारत ट्रैक्टर उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा है, आज दुनिया के लगभग 30% ट्रैक्टर भारत में बनते हैं, भारत ने 1950 और 1960 के दशक में ट्रैक्टरों का निर्माण शुरू किया जब समाजवादी उन्मुख पंचवर्षीय योजनाओं ने स्थानीय उद्योगपतियों और अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक्टर निर्माताओं के बीच संयुक्त उद्यम और संबंध के माध्यम से ग्रामीण मशीनीकरण को बढ़ावा दिया। इन प्रयासों के बावजूद, पहले तीन दशकों तक 4-पहिया ट्रैक्टरों का स्थानीय उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ा और 1980 के दशक के अंत तक ट्रैक्टर का उत्पादन लगभग 1,40,000 यूनिट प्रति वर्ष था।

1991 के आर्थिक सुधारों के बाद, इसके उत्पादन की गति में वृद्धि हुई और 1990 के दशक के अंत तक उत्पादन प्रति वर्ष 2,70,000 यूनिट तक पहुंच गया। 2000 के दशक की शुरुआत में, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चार पहिया ट्रैक्टरों के उत्पादन में पीछे छोड़ दिया और दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया। 2013 में, भारत में दुनिया का 29% उत्पादन यानी कि 6,19,000 ट्रैक्टर का उत्पादन किया गया, आज हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और ट्रैक्टर बाजार है। भारत में वर्तमान में 16 घरेलू और 4 बहुराष्ट्रीय निगम ट्रैक्टर निर्माण का कार्य कर रहे हैं। आज देश के कृषि को बल देने वाला एक अहम वाहन है ट्रैक्टर। आइए जानते हैं कि देश की तरक्की में अहम योगदान देने वाले कौन से हैं शीर्ष 8 ट्रैक्टर:

1. महिंद्रा एंड महिंद्रा
एक आम आदमी या किसान के दिमाग में सबसे पहले आने वाले ट्रेक्टर का नाम है 'महिंद्रा'। यह केवल भारत की ही नंबर एक ट्रैक्टर निर्माता कंपनी नहीं है, बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर बेचने वाली कंपनी है। इन वर्षों में, महिंद्रा ट्रैक्टर कृषि और कृषि उपकरण के शीर्ष निर्माताओं में से एक बनकर उभरा है।

2. टाफे- ट्रैक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट्स लिमिटेड (TAFE- Tractors And Farm Equipments Limited)
यह कंपनी भारत में दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाले ट्रैक्टर की निर्माता है। इनके ट्रैक्टर मज़बूत और टिकाऊ होते हैं क्योंकि इसे बेहतर तकनीक के साथ बनाया जाता है।

3. स्वराज ट्रैक्टर्स
एक उपकरण निर्माण करने वाला फर्म "पंजाब ट्रैक्टर्स लिमिटेड" मोहाली में 1972 में स्थापित किया गया था। जोकि पहली कंपनी बन गई जिसने स्वराज ब्रांड के तहत भारत में ट्रैक्टरों का निर्माण शुरू किया। बाद में इस कंपनी को 2007 में महिंद्रा ग्रुप ने अपने में मिला लिया और इसका नाम बदलकर स्वराज डिवीजन (Swaraj Division) कर दिया गया।

4. जॉन डीयर
यह भारतीय बाजार में एक और लोकप्रिय ट्रैक्टर ब्रांड है। अमेरिका की यह कंपनी भारत में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। यह कंपनी 1837 में स्थापित हुई थी और ये सबसे पुराने कृषि उपकरण निर्माताओं में से एक है।

5. एस्कॉर्ट्स एग्री मशीनरी (Escorts Agri Machinery)
एस्कॉर्ट एग्री मशीनरी कृषि के क्षेत्र में एस्कॉर्ट का नाम काफी मशहूर है। 1960 में इस कंपनी की स्थापना एस्कॉर्ट्स ग्रुप द्वारा हुई थी, जो कि युडी नंदा और एच.पी.नंदा द्वारा स्थापित एक भारतीय इंजीनियरिंग फर्म (Engineering Firm) है।

6. सोनालिका ट्रैक्टर
सोनालिका ट्रैक्टरों को 1995 में मुख्य कार्यालय के साथ जालंधर में स्थापित किया गया था, यह देश का तीसरा सबसे अधिक बिकने वाला ट्रैक्टर ब्रांड है।

7. न्यू हॉलैंड (New Holland)
न्यू हॉलैंड एक बेहतरीन व मशहूर ट्रैक्टर कंपनी है। यह एक वैश्विक कृषि मशीनरी ब्रांड है, जो 1895 में एब ज़िम्मरमैन द्वारा स्थापित किया गया था। इस कंपनी में बने ट्रैक्टर उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मध्य पूर्व तथा दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के 70 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं।

8. आइशर ट्रैक्टर (Eicher Tractors)
यह एक जर्मन कंपनी है, जिसने भारत में 24 अप्रैल 1959 को फरीदाबाद फैक्ट्री से अपना पहला स्थानीय रूप लिया था और 1965 से 1974 की अवधि में भारत में पहला पूर्ण रूप से निर्मित (स्वदेशी) ट्रैक्टर बनाया था। दिसंबर 1987 में आइशर ट्रैक्टर्स सार्वजनिक हो गए और जून 2005 में आइशर मोटर्स लिमिटेड ने अंतर्राष्ट्रीय कंपनी टाफे को अपने शेयर बेचे।

संदर्भ:
1.http://www.pioneerautoshow.com/news/article/a-brief-history-of-tractors-841
2.http://www.sodgod.com/tractor-history/
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Tractor
4.https://en.wikipedia.org/wiki/Tractors_in_India
5.https://krishijagran.com/farm-mechanization/top-7-tractor-brands-in-india/

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