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हाल ही में जौनपुर में एक गैस हादसा देखने को मिला जिसमें करीब पांच लोगों की मौत हो गयी तथा बाकि लोग घायल हुए। इस घटना ने आसपास के लोगों के बीच काफी दहशत का माहौल बना दिया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर आदि के समान सिलेंडर एलपीजी के स्थान पर पाइप्ड एलपीजी (Piped LPG) को विकल्प के रूप में चुनना एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर रहा है।
एलपीजी लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (अंग्रेजी में: Liquefied petroleum gas) रसोई गैस है जो रिफाइनरी (refinery) का एक उत्पाद है। यह ज्यादातर C3 और C4 (3 परमाणुओं और 4 परमाणुओं वाला कार्बन (carbon)) हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) से बनी होती है, तथा इसे तरल रूप में रखने के लिए दबाव डाला जाता है। वितरण के अंतिम चरण में गैस को तरल में परिवर्तित करने की लागत बहुत ज्यादा होती है। इसे सिलेंडर में संचित कर के रखा जाता है। घरेलू क्षेत्रों में विशेष रूप से डिजाइन किए गये पाइप (Pipe) के माध्यम से गैस उपयोग किया जाता है। किंतु इसमें भी कई खतरे देखने को मिलते हैं। एलपीजी में प्रोपेन (Propane) और ब्यूटेन (Butane) नामक गैस होती हैं जो हवा से भारी होती हैं। इसलिए रिसाव की स्थिति में इसका फैलाव धीमी गति से होता है। रिसाव के दौरान यह सतह में एकत्रित हो जाती है तथा धीरे धीरे वाष्पीकृत होकर आसपास के वातावरण में फैल जाती है। जो ऊष्मा के संपर्क में आते ही विस्फोटित हो जाती है। कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं कि असावधानी के कारण लीक गैस मात्र बिजली के बल्ब जलाने भर से प्रज्वलित हो उठी है।
पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस (अंग्रेजी में: Piped natural gas)) सस्ती, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है, जिसे आज एलपीजी (LPG) के स्थान पर विकल्प के रूप में चुना जा रहा है। पीएनजी में ज्यादातर मीथेन((Methane) एक प्रकार का गैस) होती है, जो हवा से भी हल्की होती है। यह एलपीजी के समान ही ज्वलनशील है साथ ही रिसाव की स्थिति में इसका फैलाव एलपीजी की तुलना में ज्यादा व्यापक होता है। जिससे खतरे की स्थिति अपेक्षाकृत कम हो जाती है। यह गैसीय अवस्था में होती है तथा इसी अवस्था में पाइप लाइन (Pipe Line) के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान में स्थानांतरित की जाती है। पीएनजी की आपूर्ति पाइप के माध्यम से गैस कंपनियों द्वारा की जाती है। आमतौर पर, गैस कंपनी कनेक्शन (Connection) लगाने के साथ साथ उपभोक्ता को सभी सावधानियां बताती है और किसी भी समस्या या शिकायत का निवारण करने के लिए एक टेलीफ़ोन नंबर भी प्रदान करती है।
एलपीजी और पीएनजी दोंनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। अतः इनके सफल उपयोग के लिए सावधानी और कुशल आधारभूत संरचना का होना अत्यंत आवश्यक है। जौनपुर शहर भविष्य में पीएनजी को एक बेहतर विकल्प के रूप में चुन सकता है। यदि वह इसके सफल संचालन हेतु एक अच्छी आधारिक संरचना तैयार कर सकें।
संदर्भ :
1. https://bit.ly/2KUGANW
2. https://bit.ly/2L3LiZQM
3. https://bit.ly/2KSgvyQ
4. https://bit.ly/2UTDyhz
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