भारत का कुल कोयला भंडार और कितने दिन तक चलेगा?

खदान
16-03-2019 09:00 AM
भारत का कुल कोयला भंडार और कितने दिन तक चलेगा?

विश्‍व का पांचवा सबसे बड़ा कोयला भण्‍डारण भारत में स्थित है। 2016-17 में भारत के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण गणना की सूची के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अनुमानित 315.149 बिलियन टन कोयला संसाधन हैं। भारत के पास दुनिया के कुल ज्ञात कोयले के भंडारण का लगभग सात प्रतिशत है। अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, और चीन के बाद भारत पांचवा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। भारत ने 2012 में 595 मिलियन टन कोयले (दुनिया के कुल 6% का) का उत्पादन किया गया। भारत में दुनिया की कुल कोयला खपत का आठ प्रतिशत हिस्सा है। भारत में 2012 में 160 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया, जिससे भारत चीन और जापान के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक बन गया। भारत की लगभग 68% बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। GSI इन्वेंटरी के अनुसार 2017 में भारत में भूवैज्ञानिक संसाधन कोयला क्षेत्र इस प्रकार है:

उपरोक्‍त विवरण से आप अनुमान लगा ही चुके होंगे कि कोयले के उत्‍पादन और खपत की दृष्टि से भारत विश्‍व में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता है। 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सिर्फ पांच देशों के पास कोयला भंडारण का लगभग 74% हिस्सा था। दुनिया के शीर्ष पांच देशों के ज्ञात कोयला भण्‍डारण:
1. संयुक्त राज्य अमेरिका - 22%
2. रूस-16%
3. ऑस्ट्रेलिया-14%
4. चीन 13%
5. भारत-9%
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) भारत में ही नहीं वरन् विश्‍व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है। यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है। रिपोर्ट और विज्ञापनों से पता चलता है कि सीआईएल के पास बहुत बड़ा घरेलू कोयला भंडारण है, जिसने दशकों से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखा है। सीआईएल द्वारा इतनी मात्रा में कोयला उत्‍पादन के बाद भी कई ऊर्जा उपयोगकर्ता कंपनियां आयतित उच्च सकल ऊष्मीय मान (GCV) वाले कोयले को खरीदना ज्‍यादा पसंद करती हैं। बहुत अधिक GCV के आयातित कोयले CIL द्वारा आपूर्ति किए गए कोयले से भी कम होती है। भारत का यह कोयला संसाधन कितनी मात्रा में उपस्थित है और कितने लम्‍बे समय तक हमारी आवश्‍यकताओं की आपूर्ति करने वाला है यह एक बड़ा प्रश्‍न है क्‍योंकि अब तक ज्ञात आंकड़ों से यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है।

भारत में कोयला संसाधन की वार्षिक रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य प्रक्रिया के आधार पर नहीं वरन् भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) 1956 विंटेज के भारतीय मानक प्रक्रिया (आईएसपी) कोड के आधार पर की जाती है। इसके द्वारा प्रदान किये गये आंकड़े कोयले भण्‍डार की स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं देते हैं। CIL द्वारा दायर किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) में उल्लिखित भारत में कोयले के भंडार के लिए दिये गये आंकड़े अत्‍यंत भ्रामक हैं। योजना आयोग की एकीकृत ऊर्जा नीति रिपोर्ट में बताया गया 2006 के उत्पादन के दौरान ज्ञात कोयला भंडार 80 से अधिक वर्षों तक रहने का अनुमान लगया गया। इसके कुछ समय पश्‍चात विभिन्न स्रोतों द्वारा अनुमान लगाया कि देश कुल निकासी योग्य भंडार (निजी पार्टियों और अन्य लोगों को आवंटित 200 से अधिक अधिकृत कोयला ब्लॉक सहित) केवल 40-50 वर्षों तक चलेगें। दसवीं पंचवर्षीय योजना ने अनुमान लगाया कि कोयला 2002 में 18 बिलियन टन से कम था। सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ने अनुमान लगाया कि यह 2001 में 40 बिलियन टन से कम था, बाद में इसे संशोधित कर 52 बिलियन टन कर दिया गया। योजना आयोग ने अनुमान लगाया कि कोयले की खपत 5% की दर से बढ़ती है तो भारतीय घरेलू कोयला भंडार केवल 45 वर्षों तक ही चल पायेगें। मुनाफे को अधिकतम करने और अक्षमताओं को कवर करने के अपने प्रयास में, सीआईएल केवल सतही भण्‍डार की खोज और दोहन कर रही है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि लगभग 90% कोयला उत्पादन 200 मीटर से कम की गहराई वाली खुली खादानों से आता है। जीएसआई की एक रिपोर्ट बताती है कि सकल भूवैज्ञानिक संसाधनों का 60% से अधिक 300 मीटर के दायरे में स्थित है। सीआईएल के पास अधिक कोयले के लिए 300 मीटर से अधिक गहरी खुदाई की कोई योजना नहीं है।

हालांकि, निकट भविष्य में CIL के नेतृत्व में ऊर्जा की बढ़ती मांग के साथ, अपने उत्पादन स्तर को बनाए रखने के लिए गहरे स्थानों का पता लगाने और उनका दोहन करने के लिए मजबूर होना होगा। सबसे बड़ी कोयला उत्‍पादक कंपनी CIL के लिए यह अत्‍यंत आवश्‍यक हो जाएगा, जिसे खोजने हेतु तकनीकी सुधार तथा निवेश बढ़ाने की आवश्‍यकता होगी।

संदर्भ:
1. https://bit.ly/2UyN2KT
2. https://bit.ly/2XRwxeJ
3. https://bit.ly/2Cia5m5
4. https://www.eia.gov/energyexplained/index.php?page=coal_reserves

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.