दस्तावेजों को संरक्षित करने के लिए “डिजिलॉकर एप”

संचार एवं संचार यन्त्र
15-01-2019 12:06 PM
दस्तावेजों को संरक्षित करने के लिए “डिजिलॉकर एप”

अक्सर जब भी आप सफर पर निकलते हैं, तो आपको हमेशा अपने पास ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) और वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्ट‍िफिकेट (Registration certificate) साथ रखना होता है, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं होगी। क्योंकि भारत सरकार द्वारा डिजिलॉकर (DigiLocker) नामक एक डिजिटल लॉकर उपलब्ध करवाया गया है।

डिजिलॉकर भारत सरकार द्वारा संचालित एक "डिजिटल लॉकर" सेवा है जो भारतीय नागरिकों को क्लाउड (यह एक सेवा है जिसमे हम कंप्यूटर में कोई भी ज़रूरी दस्तावेज सुरक्षित रख सकते है) पर कुछ आधिकारिक दस्तावेजों को संग्रहीत करने में समर्थ बनाती है। डिजिटल लॉकर की स्टोरेज (Storage) क्षमता 1 जीबी तक है, जिसमें आप सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए पहचान पत्रों, शिक्षा प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन स्वामित्व दस्तावेजों और कुछ अन्य दस्तावेजों को संग्रहीत कर सकते हैं।

डिजिलॉकर में अपना अकाउंट बनाने के लिए आपको डिजिलॉकर मोबाइल एप (मोबाइल एप्लिकेशन) को डाउनलोड (download) करना होगा, जो गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) या आइओएस ऐप स्टोर (IOS app store) पर उपलब्ध है। डिजिलॉकर मोबाइल ऐप में साइन-अप (प्रवेश) करके अपना आधार नंबर डालना होगा। उसके बाद आपके अपने आधार कार्ड से जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड (one time password))) भेजकर (या आप अपना अंगुली की छाप भी दे सकते है) मोबाइल नंबर को प्रमाणित किया जाएगा, जिसके बाद एक उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड का चयन करना होगा। इससे आपका डिजिलॉकर अकाउंट बन जाएगा। ध्यान रखे कि डिजिलॉकर के सेवाओं का लाभ उठाने केलिए आपका आधार कार्ड होना और उसका फ़ोन नंबर (भारतीय मोबाइल नंबर) से जुड़ा होना आवश्यक है।

डिजिलॉकर से होने वाले लाभ :-

• नागरिक अपने डिजिटल दस्तावेजों को अब कभी भी, कहीं भी एक्सेस (access) कर सकते हैं और इसे सुगमता और सुविधा के लिए ऑनलाइन साझा कर सकते हैं। यह समय और कागजी काम में भी बचत कराता है और लोगों को जल्दी से अपने कार्य को पूर्ण करने में भी मदद करता है।

•  यह कागज के उपयोग को कम करके सरकारी विभागों के ऊपरी खर्चों को कम करता है, जिससे यह सरकारी विभागों से चीजों को प्राप्त करने का और पर्यावरण का अनुकूल तरीका बन जाता है।

•  डिजिलॉकर दस्तावेजों की प्रामाणिकता को आसान बनाता है, क्योंकि वे पंजीकृत जारीकर्ताओं द्वारा जारी किए गए होते हैं।

•  स्व-अपलोड किए गए दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से ई-साइन सुविधा (जो दस्तावेजों के स्व-सत्यापन की प्रक्रिया के समान है) का उपयोग करके हस्ताक्षरित किया जा सकता है। इसके बाद दस्तावेज़ों को मैनुअल रूप से वितरित या एकत्र किए बिना आवश्यकतानुसार साझा किया जा सकता है।

•  डिजिलॉकर में दस्तावेजों को संरक्षित करने के बाद, उन दस्तावेजों की मूल प्रति को घर में कहीं भी संभालकर रख सकतें हैं, जिससे उनकी खोने और खराब होने की संभावना कम हो जाएगी।

अब आप के मन में यह दुविधा आ रही होगी कि डिजिलॉकर में दस्तावेजों को अपलोड और ई-साइन (e-sign) कैसे करना होगा? निम्न चरणों का अनुसरण करके आप अपने डिजिलॉकर में दस्तावेजों को अपलोड और ई-साइन कर सकते हैं :-

चरण 1. साइन इन (Sign in) बटन पर क्लिक करें।

चरण 2. अपना उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें।

चरण 3. अब एक बार फिर साइन इन बटन पर क्लिक करें।

चरण 4. उप्लोडेड डाक्यूमेंट्स (Uploaded documents) बटन पर क्लिक करें।

चरण 5. "फ़ोल्डर (Folder)" पर क्लिक करें और फ़ोल्डर बनाएं।

चरण 6. फ़ोल्डर खोलें और अपलोड बटन पर क्लिक करें।

चरण 7. दस्तावेज़ का चयन करें (अधिकतम अनुमत फ़ाइल आकार 10MB है)।

चरण 8. डॉक्यूमेंट सेक्शन पर ई-साइन बटन पर क्लिक करें।

चरण 9. आधार लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर आधार द्वारा प्राप्त ओटीपी दर्ज करें।

चरण 10. अपने निरूपित दस्तावेज को पीडीएफ प्रारूप में प्राप्त करें।

अब आप डैशबोर्ड (dashboard) के बाईं ओर "इशूड डाक्यूमेंट्स (Issued Documents)" मेनू पर क्लिक करके डिजिलॉकर पर अपने दस्तावेज जारी कर सकते हैं। अब आपको जारी किए गए दस्तावेजों की सूची मिलेगी। अधिक दस्तावेजों के लिए "चेक पार्टनर सेक्शन (Check Partners Section)" लिंक पर क्लिक करें। अब भागीदार का नाम (Partner Name) चुनें और फिर डॉक्यूमेंट टाइप (document type) को चुनें। अब प्रत्येक टेक्स्ट बॉक्स में दिखाए गए निर्देश के अनुसार आवश्यक जानकारी को भरें। यह फ़ॉर्म भागीदार और दस्तावेज़ प्रकार अनुभाग पर आधारित है। "गेट डॉक्यूमेंट (Get Document)" पर पर क्लिक करके जारीकर्ता डेटाबेस से अपने दस्तावेज़ को खोजने के लिए डिजिलॉकर को अपनी सहमति प्रदान करें।

डिजिलॉकर ने सीबीएसई (CBSE) के साथ भागीदारी करके कक्षा 12वीं के छात्रों को डिजिटल अंक तालिका (Mark Sheet) प्रदान की है। जिन छात्रों ने सीबीएसई के साथ अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत किया है, उनका डिजिलॉकर अकाउंट एसएमएस (SMS) के माध्यम से खुल सकता है, जबकि जिन्होंने सीबीएसई के साथ अपना मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं किया है, उन्हें अपने मोबाइल नंबर से अकाउंट बनाने की अवश्यकता होती है।

अन्य दस्तावेजों के लिए (जैसे, आरसी (RC) और डीएल (DL) के लिए) "पुल्ल पार्टनर डाक्यूमेंट्स (Pull partner documents)" अनुभाग पर जाएं और वहाँ जारीकर्ता और दस्तावेज़ प्रकार का चयन करें और इसके लिए दस्तावेज़ विवरण दर्ज करें। दस्तावेज निकालने के बाद दस्तावेज का स्थायी लिंक को इशूड डाक्यूमेंट्स अनुभाग में सुरक्षित करें।

संदर्भ :-

1. https://en.wikipedia.org/wiki/DigiLocker
2. https://digilocker.gov.in/
3. https://bit.ly/2Ha3e2M
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