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क्या अपको पता है कि जौनपुर शहर की ग्रामीण साक्षरता दर 70.8% तथा शहरी साक्षरता दर 80.2% है, अर्थात यहां के लगभग सभी लोगों ने बचपन में गणित की एक महत्वपूर्ण शाखा ज्यामिति (इसके अंतर्गत हम चीजों के आकार-प्रकार, उनके नाप और माप को समझते है) का सामना तो जरूर किया होगा। उस समय कुछ लोगों को ये पसंद भी आई होगी परंतु कुछ के तो सर से ऊपर से निकल गई होगी। परंतु ज्यामिति सिर्फ आपके ज्योमेट्री बॉक्स (Geometry Box), कागज या पेंसिल तक सीमित नहीं है।
ज़रा अपने आस-पास नज़र घुमा कर देखिये आपको किताबों के वृत्त, बेलन, शंकु, गोला, पंचभुज इत्यादि प्रकृति में भी नजर आयेंगे, जैसे कि हमारे खनिजों को ही देख लीजिये जो आज के समय में हर उद्योग की नींव हैं और कितने भिन्न-भिन्न आकार के होते हैं।
खनिज प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कार्बनिक ठोस पदार्थ है जिसकी एक सुव्यवस्थित क्रिस्टलीय संरचाना तथा निश्चित रासायनिक संघटन होता है। चूंकि खनिजों में समान रासायनिक संरचना होने के कारण इनके अणु, परमाणु या आयन (Ion), एक व्यवस्थित क्रम में लगे होते हैं और यही क्रम सभी तरफ दोहराया जाता है जो खनिज को समान क्रमिक त्रिविमीय व्यवस्था प्रदान करते हैं। ऐसी व्यवस्था से बनने वाली संरचना को क्रिस्टल (Crystal) कहा जाता है और यह परमाणुओं और अणुओं की व्यवस्थित व्यवस्था की बाहरी अभिव्यक्ति है। हम ये भी कह सकते हैं कि क्रिस्टल बाहरी अणुओं आंतरिक व्यवास्था द्वारा तय होता है।
खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। दुनिया में कोयले का चौथा सबसे बड़ा भण्डार भारत में है। भारत में खनन 1774 (रानीगंज में कोयले के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा एक अंग्रेजी कंपनी को खनन की अनुमति दी गई थी) से किया जा रहा है। भारत में क्रोमाइट, चूना पत्थर और माइका के भी बड़े स्रोत हैं। साथ ही साथ भारत में लेड (Lead), सेलेनियम (Selenium), टंगस्टन (Tungsten), यूरेनियम (Uranium), ज़िक्रोन (Zircon), कोरंडम (Corundum), गार्नेट (Garnet), ब्रोमाइन (Bromine), रूबी (Ruby), क्वार्ट्ज (Quartz), फेल्डस्पर (Feldspar), ग्रेफाइट (Graphite) आदि भी पाये जाते हैं।
क्रिस्टल हम अपनी रोज़मर्रा जिंदगी में अपने चारों तरफ देखते हैं, परंतु ज्यादातर हमें पता ही नहीं होता है कि वे क्रिस्टल हैं। उदाहरण के तौर पर चीनी आयताकार क्रिस्टल है और नमक एक घन के आकार का क्रिस्टल है। इन भिन्न-भिन्न संरचनाओं के क्रिस्टलों को समझाने के लिये सर्वप्रथम आपको क्रिस्टल के यूनिट सेल (Unit cell) और क्रिस्टल जालक के बारे में समझना होगा जिनकी सहायता से संपूर्ण क्रिस्टल बनता है:-
एकक कोष्ठिका (यूनिट सेल): क्रिस्टल की सबसे छोटी इकाई जिसकी बार-बार पुनरावर्ती होती है उसे यूनिट सेल कहते हैं। यूनिट सेल की पहचान 6 मायनों में की जाती है:
1. अक्षीय दूरी इसे abc से व्यक्त किया जाता है
2. अक्षों के मध्य बने अक्षीय कोण, जिन्हें α, β, γ से व्यक्त किया जाता है।
यूनिट सेल को निम्न भागों में बांटा गया है:
1. सरल एकक कोष्ठिका: जिनमें अवयवी कण केवल कोनों पर उपस्थित हों।
2. अंत: क्रेन्द्रित एकक कोष्ठिका: जिनमें अवयवी कण कोनों में उपस्थित कणों के अतिरिक्त उसके अंत: केन्द्र में होता है।
3. फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका: जिनमें कोनों में उपस्थित अवयवी कणों के अतिरिक्त एक अवयवी कण प्रत्येक फलक के केन्द्र पर भी होता है।
4. अंत्य केन्द्रित एकक कोष्ठिका: जिनमें कोनों पर उपस्थित अवयवी कणों के अतिरिक्त एक अवयवी कण किन्हीं दो विपरीत फलकों के बीच में पाया जाता है।
क्रिस्टल जालक : क्रिस्टल के अवयवी कणों (परमाणु, अणु या आयन) का त्रिविमीय व्यवस्था के आरेखन को क्रिस्टल जालक कहा जाता है। ये जालक प्रणाली क्रिस्टल संरचनाओं का एक समूह है, जिसकी पुनरावर्ती से संपूर्ण क्रिस्टल की संरचना का निर्माण होता है। प्रत्येक जालक प्रणाली में एक विशेष ज्यामितीय व्यवस्था में तीन अक्षों का एक समूह होता है, जिसमें जालक बिन्दु को सीधी रेखाओं द्वारा जोड़ा जाता है जिससे कि जालक की ज्यामिति व्यक्त की जा सके। जालक प्रणाली सात प्रकार की होती है: घनीय, द्विसमलंबाक्ष, विषमलंबाक्ष, षटकोणीय, त्रिसमनताक्ष या त्रिकोणी, एकनताक्ष, त्रिनताक्ष। क्रिस्टल जालक को ब्रेवे जालक भी कहा जाता है, इसे 14 विशिष्ट भागों में बांटा गया है।
भिन्न भिन्न आकर के क्रिस्टलों को समझाने के लिये इनका छः क्रिस्टल समुदायों में वर्गीकरण किया गया है। प्रत्येक समुदाय की व्याख्या अक्षों के स्वरूप के ऊपर निर्भर है। इन छह क्रिस्टल समुदायों के अंतर्गत सात क्रिस्टल सिस्टम आते है:
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Crystal_system
2.http://thisoldearth.net/Geology_Online-chapters.cfm?Chapter=2
3.https://www.oakrocks.net/india-rocks-and-minerals/
4.http://www.sciencekidsathome.com/science_topics/what_are_crystals.html
5.https://en.wikipedia.org/wiki/Crystal
6.https://en.wikipedia.org/wiki/Crystal_structure
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