स्वकेंद्रिकरण के इस दौर में आज भी लोगों को समूह में जोड़ता लूडो का खेल

हथियार व खिलौने
20-08-2018 01:06 PM
स्वकेंद्रिकरण के इस दौर में आज भी लोगों को समूह में जोड़ता लूडो का खेल

लूड़ो गत्ते या प्लास्टिक के बोर्ड पर बना खेल जो आमतौर पर वर्तमान समय में हर कोई खेलता है। खासकर खाली बैठे लोगों के लिये बेहतर टाइम पास करने का सबसे अच्छा साधन है “लूड़ो”। यह पिछले कई वर्षों से सभी आयु एवं वर्गों के लोगो में एक अत्यधिक लोकप्रिय खेल रहा है। इसे खेलने के लिए किसी लंबे-चौड़े मैदान की आवश्यकता नहीं पड़ती और ना ही इंडोर स्टेडियम की जरूरत, ना ही व्यवस्थित स्थान की। बल्कि यह घर पर किसी भी जगह के एक छोटे-से हिस्से में भी खेला जा सकता है। इसके लिए किसी विशेष उपकरणों की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। इसमें केवल एक गत्ते या प्लास्टिक का बोर्ड होता है और गोंटियां तथा पासे की आवश्यकता पड़ती है।

बोर्ड के चारों कोनों पर चार रंग (लाल, पीला, हरा, नीला) के खाने बने होते हैं। इन पर चार या दो खिलाड़ी रंगों के अनुसार अपनी-अपनी गोंटिया रखते हैं। संख्या में प्रत्येक रंग की चार-चार गोंटियां होती हैं। गोंटियों के साथ-साथ एक पासा होता है, जिसका आकार घनाकार होता है। इसमें छह पृष्ठ होते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी पासा लुढ़काता है और ऊपर के पृष्ठ पर अंकित संख्या के अनुसार अपनी गोट को आगे बढ़ाता है। पासे का इस खेल में अपना एक विशेष महत्व है। इसी की सहायता से यह निर्धारित होता है कि गोंटियां कितनी आगे चलनी हैं।

लूड़ो क्रॉस तथा गोल आकार के कई अन्य खेलों के समान होते हैं, विशेष रूप से यह भारतीय खेल “पचीसी” से जुड़ा हुआ है। हालांकि, यह पचीसी से बहुत आसान है। पचीसी खेल का उद्भव 6वीं शताब्दी के आसपास भारत में हुआ था। इसका सबसे प्राचीन साक्ष्य भारत की अजंता गुफाओं के चित्रों में देखनें को मिलता है। भारत में, पचीसी विभिन्न मुगल सम्राटों द्वारा खेला जाता था। महान मुगल सम्राट जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर अपनी हरम की लड़कियों का उपयोग करके लाइव पचीसी खेलते थे। उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में पचीसी खेल के अन्य स्वरुप इंग्लैंड में पेश किए गए थे। वर्ष 1896 के आसपास इन संस्करणों में से एक लूड़ो का सफलतापूर्वक ईजाद हुआ।

लूड़ो और इसके स्वरूपों ने विभिन्न नामों से दुनिया भर के कई देशों में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। स्वीडन में, इसे "फ़िया" (Fia) के नाम से जाना जाता है, और फ्रांस में "पेटीस शेवॉक्स" (Petits Chevaux)। इसी प्रकार बल्गेरियाई, डच, रूसी, सर्बियाई, स्लोवेन और तुर्की जैसे अन्य भाषाओं में इसको कई नामों से जाना जाता है। हालांकि विभिन्न देशों में इसके नाम के साथ साथ खेलने के नियम भी अलग अलग हैं लेकिन ये फिर भी इन सभी में काफी सामानताएं भी देखने को मिलती है।

संदर्भ:

1. https://www.quora.com/Where-and-when-was-game-of-Ludo-discovered
2.https://ipfs.io/ipfs/QmXoypizjW3WknFiJnKLwHCnL72vedxjQkDDP1mXWo6uco/wiki/Ludo_(board_game).html
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Ludo_(board_game)

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