शेर शाह के सिक्‍कों से आधुनिक रूपय का सफर

सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)
02-08-2018 03:26 PM
शेर शाह के सिक्‍कों से आधुनिक रूपय का सफर

वर्तमान समय में भारतीय रूपये में नये-नये परिवर्तन हो रहे हैं लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हमारे इस उपमहाद्वीप में प्रचलित मुद्रा "रूपय" का उद्भव कहां से हुआ और कैसे इसका विकास हुआ? भारत में अलग-अलग साम्राज्‍यों द्वारा अपने-अपने सिक्‍के चलाए गये। चलिए थोड़ा इतिहास की ओर जाएं और जानें भारतीय इतिहास में सूरी साम्राज्‍य के संस्‍थापक और भारत में रूपए के सिक्‍कों के जनक शेर शाह सूरी के विषय में।

शेर शाह का जन्म 1472 ईस्वी में हुआ था, उनका मूल नाम फ़रीद था। सौतेली माँ से कलह के कारण, फ़रीद घर छोड़कर जौनपुर चले गये तथा यहां के एकमात्र स्‍कूल से उन्‍होंने अपनी शिक्षा पूर्ण की। इस स्‍कूल में बाहर से भी लोग शिक्षा लेने आते थे। यहां पर इतिहास, राजनीति विज्ञान, दर्शनशास्‍त्र के साथ ही युद्ध कला की शिक्षा भी दी जाती थी। शेर शाह सूरी ने मुगल बादशाह हुमायूँ को पराजित कर दिल्‍ली सल्‍तनत पर कब्‍जा कर लिया तथा सूरी साम्राज्‍य की नींव रखी। ये अच्‍छे योद्धा ही नहीं वरन् कुशल शासक भी थे। इन्‍होंने भारत में कई परिवर्तन किये जैसे ग्राण्‍ट ट्रंक रोड (Grant Trunk Road) का निर्माण, डाक प्रणाली का विकास और धातु के सिक्कों का प्रचलन आदि।

भारत ही नहीं वरन अन्‍य देशों जैसे पाकिस्‍तान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका आदि में प्रचलित रूपये की अगुवाई इनके द्वारा चलाए गये सिक्‍के ने ही की। ऊपर दिए गए चित्र में शेर शाह सूरी द्वारा जारी किये गए शुरूआती सिक्कों में से एक चांदी के सिक्के को दर्शाया गया है। इनके सिक्‍के सूरी साम्राज्‍य ही नहीं वरन मुगल, मराठा और ब्रिटिश काल तक सुचारू रूप से चलते रहे।

भारतीय मुद्रा का सिक्‍कों से कागज़ी रूपांतरण प्रथम बार बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (Bank of Hindustan) द्वारा 1770-1832 में किया गया। इसके बाद अन्‍य बैंकों द्वारा यह निरंतर आगे बढ़ाया गया। जनवरी 1938 में रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा 5 रुपये का पहला नोट जारी किया गया तथा साथ ही इसी वर्ष में फरवरी से जून तक 10, 100, 1000 और 10,000 के नोट भी जारी कर दिये गये। प्रस्तुत चित्र में बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (बाएँ) और रिज़र्व बैंक (दाएँ) के शुरूआती नोट दर्शाए गए हैं।

इसके पश्‍चात भारतीय रूपयों में विभिन्‍न परिवर्तन देखे गये। कुछ रूपयों की वैधता समाप्‍त हुयी तो कुछ नये नोट अस्तित्‍व में आये, जिन्‍हें आज हम देख सकते हैं।

संदर्भ:
1.अंग्रेज़ी पुस्तक: Chaurasia, R.S. 2001. History of Medieval India, Atlantic Publishers & Distributors.
2.https://economictimes.indiatimes.com/wealth/save/history-of-indian-currency-how-the-rupee-changed/articleshow/55635259.cms
3.https://www.jaunpurcity.in/2014/04/sher-shah-suri-introduced-rupaya-or.html

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