फ़ोन से स्मार्ट फ़ोन तक का सफ़र

संचार एवं संचार यन्त्र
24-05-2018 02:00 PM
फ़ोन से स्मार्ट फ़ोन तक का सफ़र

जौनपुर के ओलंदगंज से लेकर अन्य छोटे-मोटे बाजारों में मोबाइल फ़ोन की बिक्री के अनेकोनेक इश्तेहार हमको दिखाई दे जाते हैं| ओप्पो, विवो, मैक्रोमेक्स आदि कंपनियों ने मोबाइल को इतना सस्ता बना दिया है कि आम से आम आदमी भी इसको खरीद सकता है| जौनपुर शहर में हजारों मोबाइल की दुकानें वर्तमान काल में दिखाई दे जाती हैं| आज दुनिया मोबाइल फ़ोन पर निर्भर है| मोबाइल के प्रयोग से लोग संचार तो करते ही हैं साथ ही साथ इसकी कई और विशेषताएं भी हैं जैसे इन्टरनेट, फिल्म देखना, सोशल मीडिया का प्रयोग करना आदि| ऐसी सुविधाओं से लैस फ़ोन को स्मार्ट फ़ोन कहते हैं| स्मार्ट फ़ोन (Smartphone) एक यांत्रिकी उपकरण है जो आपको किसी को फ़ोन करने के साथ-साथ बहुत सारी अन्य सुविधाएँ भी देता है| आज से कुछ साल पहले हमारे पास फ़ोन होता था लेकिन उसमें बस कुछ ही सुविधाएँ हुआ करती थी, लेकिन आज फ़ोन में कई सुविधाएँ जुड़ जाने के कारण वे स्मार्ट बन गए हैं| शुरुवात के फ़ोन में गेम आदि की भी सुविधा अत्यंत कम हुआ करती थी सबको याद होगा की नोकिया के मोबाइल ने जब सांप वाला खेल मोबाइल में दिया था तो वह खेल कितना लोकप्रिय हुआ था|

वर्तमान काल का स्मार्ट फ़ोन हमारी ज़रुरत बन गया है जिसकी मदद से हम अपने बहुत सारे काम जैसे - मेलिंग, इन्टरनेट, कैलकुलेटर, टोर्च, गाने, मूवीज, कैमरा आदि का प्रयोग कर सकते हैं| जौनपुर के ग्रामीण इलाकों में भी आज स्मार्ट फ़ोन पहुँच चुका है तथा लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं| मोबाइल फ़ोन का इतना इस्तेमाल करना कभी सोचा नहीं गया था पर इसकी तकनीकी में आने वाले बड़े बदलाव इस को संभव कर दिए| तो आइये जानते हैं कि मोबाइल फ़ोन का आविष्कार कैसे हुआ और यह कैसे दुनिया भर में प्रचलित हुआ|

मोबाइल फ़ोन का इतिहास -
1908 में अमेरिकी पेटेंट 887357 एक वायरलेस टेलीफोन को नेथन बी. स्टबलफील्ड (Nathan B. Stubblefield), केंटकी के लिए जारी किया गया था| उन्होंने इस पेटेंट से 'रेडियो टेलीफोन के निपात' का आवेदन किया था और सीधे सेलुलर टेलीफोन के लिए नहीं जैसा वर्तंमान में समझा जाता है| AT&T के बेल लैबोरेट्रीज (Bell Laboratories) के इंजिनियरों द्वारा मोबाइल फ़ोन का आविष्कार 1947 में किया गया था और 1960 के दशक के दौरान बेल लैबोरेट्रीज ने इसे आगे विकसित किया| रेडियोफ़ोन का एक लम्बा और विविध इतिहास है जो रेडियो टेलीफोनी के पूरे प्रदर्शन तक जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध के दशक में सिविल सेवाओं के दौरान सेना में रेडियो टेलीफोनी लिंक का उपयोग होता था| पहला मोबाइल फ़ोन 1973 में मोटोरोला कंपनी के जॉन एफ़ मिचेल (John F. Mitchell) और मार्टिन कूपर (Martin Cooper) द्वारा निर्मित किया गया था|

आइये जानते हैं मोबाइल विश्व में स्थापित हुए कुछ कीर्तिमानों को -
1984 में Motorola DynaTAC 8000X बाज़ार में बिकना शुरू हो गया था| इस मोबाइल का दाम 3000 पाउंड था जो आज के ज़माने में अत्यंत ही महंगा फ़ोन हुआ| यह पहली जनरेशन का फ़ोन था जिसे वन-जी कहा जाता था| सन 1992 में नोकिया ने अपना 1011 मॉडल का फ़ोन बाजार में उतारा जो कि पहला जी.एस.एम. फ़ोन था तथा इसमें 99 फ़ोन नंबर संरक्षित करने का स्थान था| सन 1996 में मोटोरोला ने अपना नया फ़ोन बाजार में उतारा जिसको स्टार टैक नाम से जाना जाता था, यह फ़ोन अमीर लोगों की पसंद बना| 1997 में द हागेनुक ग्लोबल हैंडी ने अपना फ़ोन बाजार में उतारा| यह पहला ऐसा फ़ोन था जिसमें बाहर दिखने वाला एंटीना नहीं था| 1998 में सीमेंस एस 10 फ़ोन बाजार में आया जो कि दुनिया का पहला रंगीन फ़ोन था| 1998 में नोकिया ने 5110 फ़ोन बाजार में उतारा यह फ़ोन लोगों द्वारा अत्यंत पसंद किया जाने लगा था| 1999 में नोकिया ने पहला इन्टरनेट वाला फ़ोन बाजार में उतारा जो कि 7110 नाम से जाना जाता था| 1999 में ही मोटोरोला का टाइम पोर्ट मोबाइल बाजार में आया, यह फ़ोन दुनियाभर में मशहूर हुआ| सन 2000 में नोकिया का कम्यूनिकेटर फ़ोन बाजार में आया| इस फ़ोन में कंप्यूटर की तरह बटन थे और इसमें 8 एम. बी. की मेमोरी थी, साथ ही यह फ़ोन ई-मेल आदि के लिए प्रयोग में लाया जा सकता था| 2000 शार्प जे-एस-एच-04 फ़ोन बाजार में आया जो कि दुनिया का पहला कैमरा फ़ोन था| 2000 में नोकिया ने 3310 मोबाइल बाजार में उतारा, यह फ़ोन भारत में अत्यंत मशहूर हुआ| यह फ़ोन दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला फ़ोन बना| 2003 में नोकिया ने 1100 फ़ोन बाजार में उतारा जो कि दुनिया का सबसे ज्यादा समय तक बिकने वाला फ़ोन बना| यह आज भी कई स्थानों पर देखा जा सकता है| 2003 में ब्लैकबेरी ने अपना पहला फ़ोन बाजार में उतारा जो कि ईमेल आदि के लिए अत्यंत मशहूर हुआ| इसके बाद एक दशक तक नोकिया पूरे विश्व के बाजार में छाया रहा तथा एक से एक बेहतरीन फ़ोन बाजार में उतारा| चायनीज फोन के बाजार में आजाने के बाद नोकिया का बाजार धीमा हुआ और साथ ही सैमसंग ने अपनी जगह एंड्राइड फ़ोन बाजार में बना ली| आज के दौर में आई फ़ोन, सैमसंग, विवो, ओप्पो, माइक्रोमेक्स आदि फोन दुनिया भर में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं| सस्ता फ़ोन बाजार में आजाने के कारण आज एक बड़ी आबादी के पास फ़ोन पहुँच गया है| आज स्मार्ट फ़ोन 4-जी पर कार्यरत हैं जो कि एक अत्यंत तीव्र अभियांत्रिकी उपलब्धि है|

मोबाइल फ़ोन से पहले टेलीफोन का इस्तेमाल किया जाता था, आइए टेलीफोन के इतिहास पर भी एक नज़र डालें -
1880 के दशक में एलेग्जेंडर ग्रैहम बेल (Alexander Graham Bell) ने टेलीफोन का आविष्कार किया था, लेकिन वह ऐसे नहीं थे जिन्होंने एक बार में ही टेलीफोन का आविष्कार कर दिया हो| टेलीफोन 1660 के दशक से ही बनना शुरू हो गया था| पुराने और सबसे पहले टेलीफोन को 'मैकेनिकल अकोस्टिक डिवाइस’ (Mechanical Acoustic Device) कहा जाता था, यह उपकरण बिजली का इस्तेमाल नहीं करता था बल्कि इसमें एक पाइप लगा होता था जिसके मदद से लोग वार्तालाप किया करते थे| 1700 के दशक में स्कॉटिश वैज्ञानिक चार्ल्स मोरिसन (Charles Morrison) ने एक थ्योरी ज़ाहिर की| उनकी इस थ्योरी के मुताबिक बिजली के प्रयोग से बात-चीत हो सकती थी| लेकिन इलेक्ट्रिकल टेलीफोन से पहले इलेक्ट्रिकल टेलीग्राफ का आविष्कार हुआ| इलेक्ट्रिकल टेलीफोन ने इलेक्ट्रिकल टेलीग्राफ के लम्बी दूरी के विद्युत् डेटा संचरण के साथ ध्वनिक उपकरणों की ऑडियो ट्रांसमिशन तकनीक को विकसित किया| ऐसे ही टेलीग्राफ पर सुधार का काम करते करते एलेग्जेंडर ग्रैहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार कर दिया, अब टेलीफोन के ज़रिये ध्वनि का डेटा भी भेजा जा सकता था|

1. https://www.uswitch.com/mobiles/guides/history-of-mobile-phones/
2. https://bebuisnessed.com/history/history-of-telephone/

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