जौनपुर के युवा, जानिए, सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स में व्यवसायिक अवसरों और चुनौतियों को

संचार एवं संचार यन्त्र
15-01-2025 09:26 AM
जौनपुर के युवा, जानिए, सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स में व्यवसायिक अवसरों और चुनौतियों को

जैसे भारत के कई और शहरों में, वैसे ही हमारे शहर जौनपुर के युवा भी, अब ई-कॉमर्स व्यवसाय चलाने में बढ़ती दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसी कड़ी में, सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स, (Subscription Based E-commerce) भारत में एक नया और तेज़ी से बढ़ता हुआ ट्रेंड है। यह ट्रेंड तकनीकी आविष्कार और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते रुझान से प्रेरित है।
सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स कंपनियां, अपने ग्राहकों को मासिक या तिमाही आधार पर नियमित रूप से उत्पाद बेचती हैं। इनमें वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाएँ, फ़िटनेस प्लान और कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर जैसे कई प्रोडक्ट शामिल होते हैं। इस मॉडल का मुख्य आधार ग्राहकों के साथ लंबे समय तक बनाए रखने वाला रिश्ता है।
तो आज, आइए इस व्यवसाय मॉडल को विस्तार से समझते हैं। हम जानेंगे कि भारत में सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स के कितने प्रकार हैं, यह मॉडल इतनी तेज़ी से क्यों लोकप्रिय हो रहा है, और आखिरकार इसके कुछ नुकसानों के बारे में भी चर्चा करेंगे।
सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स क्या है?
इस व्यवसाय मॉडल में, कंपनियां उपभोक्ताओं को नियमित अंतराल पर कोई प्रोडक्ट या सेवा उपलब्ध कराती हैं, जिसके बदले उन्हें साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक भुगतान करना होता है।
सब्सक्रिप्शन सेवाओं को मुख्यतः तीन प्रकारों में बांटा जा सकता है:
1. पहुंच (Access):

इसमें, ग्राहक नियमित शुल्क देकर किसी प्रीमियम डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई कंपनियां, शुरुआत में सीमित फ़ीचर्स के साथ फ्री एक्सेस ( फ़्रीमियम मॉडल) देती हैं, ताकि संभावित ग्राहक सेवा का अनुभव कर सकें।
2. अवधि (Curation):
इसमें कंपनी ग्राहक की पसंद के अनुसार उत्पादों का एक कलेक्शन तैयार करती है। ग्राहक इन उत्पादों को आज़मा सकते हैं और पसंद आने पर खरीद सकते हैं। अगर प्रोडक्ट उपयुक्त न लगे, तो वे इसे वापस भी कर सकते हैं।
3. पुनःपूर्ति (Replenishment):
यह सब्सक्रिप्शन, आमतौर पर ऐसी रोज़मर्रा की चीज़ों के लिए होता है, जिन्हें बार-बार खरीदा जाता है, जैसे किराने का सामान। इस मॉडल में कंपनी ग्राहकों की पसंद और आदेश आवृत्ति (ऑर्डर फ़्रीक्वेंसी ) के आधार पर उत्पादों को स्वयं ही रीस्टॉक करती है।
भारत में सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स व्यवसाय के प्रकार
1. स्ट्रीमिंग सेवाएँ:

हॉटस्टार (Hotstar), जियोसिनेमा (JioCinema) और सोनीलिव (SonyLIV) जैसे प्लेटफ़ॉर्मों ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में क्रांति ला दी है। ये मासिक शुल्क के बदले फिल्मों, टीवी शोज़, म्यूज़िक और पॉडकास्ट्स का असीमित एक्सेस प्रदान करते हैं। वैयक्तिकृत और व्यापक सामग्री पुस्तकालयों की पेशकश करने की उनकी क्षमता ने उनके तेज़ी से विकास को बढ़ावा दिया है और उद्योग के नेताओं के रूप में उनकी स्थिति को मज़बूत किया है।
2. मासिक सदस्यता (मंथली सब्सक्रिप्शन) बॉक्स:
यह सेवाएं, हर महीने वैयक्तिकृत पैकेज सीधे ग्राहकों के घरों तक पहुंचाकर शॉपिंग को आसान बनाती हैं। डेटा और एल्गोरिदम का उपयोग करके ग्राहकों की पसंद के अनुसार उत्पादों को मिलाने की वजह से यह अनुभव बेहद पर्सनलाइज्ड और सुविधाजनक हो गया है।
3. सॉफ़्टवेयर सब्सक्रिप्शन:
एडोबी (Adobe) और माइक्रोसॉफ़्ट (Microsoft) जैसी कंपनियां एक बार लाइसेंस बेचने के बजाय अब क्लाउड-आधारित सदस्यता मॉडल पर काम कर रही हैं। इससे ग्राहक कई ऑनलाइन सॉफ्टवेर का उपयोग कर सकते हैं और तुरंत नई सुविधाएं और अपडेट का लाभ उठा सकते हैं। यह मॉडल अधिक लचीले और सहज अनुभव प्रदान करता है।
4. मैगज़ीन सब्सक्रिप्शन:
द इकोनॉमिस्ट और नेशनल ज्योग्राफिक जैसी पारंपरिक प्रिंट पब्लिकेशंस ने डिजिटल युग को अपनाते हुए ऑनलाइन और प्रिंट सब्सक्रिप्शन की सुविधा शुरू की है। इससे वे डिजिटल और प्रिंट, दोनों प्रकार के पाठकों की पसंद को पूरा करते हुए विभिन्न विषयों पर अद्यतन जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
5. सेवाएँ:
स्विगी, ज़ोमैटो और उबेर ईट्स जैसी कंपनियां ताज़े इनग्रेडिएंट्स या तैयार भोजन को सीधे ग्राहकों के घर तक पहुंचाने के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल का उपयोग कर रही हैं। ये सेवाएं अलग-अलग डाइट प्रेफ़रेंस और लाइफ़स्टाइल के अनुसार अनुकूलित भोजन समाधान(कस्टमाइज्ड मील सॉल्यूशंस) प्रदान करती हैं, जिससे समय की बचत होती है और भोजन भी कम व्यर्थ होता है।
6. हेल्थ और वेलनेस:
वन एम जी (1mg), फ़ॉर्मीज़ी (Pharmeasy) और कल्ट फ़िट (Cult Fit) जैसे फ़िटनेस और वेलनेस प्लेटफ़ॉर्म ऑनलाइन कोचिंग, फ़ीडबैक और सामुदायिक सपोर्ट के साथ सब्सक्रिप्शन मॉडल पर काम कर रहे हैं। यह तरीका स्वास्थ्य और फिटनेस को एक व्यापक दर्शकों के लिए अधिक सुलभ बना रहा है।
भारत में सब्सक्रिप्शन आधारित ई-कॉमर्स, तेज़ी से क्यों बढ़ रहा है?
1. वैयक्तिकरण:

ग्राहकों को उनकी पसंद और जरूरतों के अनुसार सेवाएं और उत्पादों मिलना पसंद है। सब्सक्रिप्शन सेवाएं ग्राहकों के डेटा और पसंद का विश्लेषण कर, उनके लिए खास तौर पर उत्पादों और अनुभव तैयार करती हैं। यह ग्राहकों को संतुष्ट रखता है और उनके साथ लंबे समय तक संबंध बनाए रखने में मदद करता है।
2. सुविधा और समय की बचत:
सब्सक्रिप्शन सेवाएं, ग्राहकों को बार-बार खरीदारी करने के झंझट से बचाती हैं। डिलीवरी प्रक्रिया को ऑटोमैटिक बनाकर ये सेवाएं ग्राहकों का समय और मेहनत बचाने में मदद करती हैं, जिससे यह बहुत सुविधाजनक बन जाता है।
3. खोज और सरप्राइज़ का आनंद:
कई सब्सक्रिप्शन सेवाएं, ग्राहकों को चकित करने का मौका भी देती हैं, जिसमें वे नए उत्पादों या ब्रांड्स को खोज सकते हैं। यह चकित कर देने वाला अनुभव ग्राहकों को उत्साहित करता है और उन्हें बार-बार इस सेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित करता है।
सब्सक्रिप्शन व्यवसाय मॉडल के नुकसान
1. बढ़ती प्रतिस्पर्धा:

आजकल सब्सक्रिप्शन आधारित कंपनियां हर जगह तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। यह प्रतिस्पर्धा ग्राहकों को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने में मुश्किलें पैदा कर सकती है। हालांकि, इसे संभालने का तरीका है—मज़बूत और अनोखी ब्रांडिंग, बेहतरीन ग्राहक सेवा और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करना। गुणवत्ता, निरंतरता और व्यक्तिगत जुड़ाव से बेहतर कुछ नहीं।
2. उच्च रद्दीकरण दर:
किसी भी व्यवसाय में ग्राहक खोने की चिंता हमेशा बनी रहती है, और सब्सक्रिप्शन मॉडल भी इससे अलग नहीं है। नई सब्सक्रिप्शन कंपनी शुरू करते समय यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ग्राहकों को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएं ताकि रद्दीकरण दर कम रहे।
3. शुरुआती चरण में अनिश्चित आय:
एक सब्सक्रिप्शन मॉडल को आमतौर पर स्थिर आय का स्रोत माना जाता है, लेकिन शुरुआती चरण में ऐसा नहीं होता। इस दौरान, आय बेहद अनिश्चित हो सकती है, जिससे व्यवसाय शुरू करने के निर्णय पर संदेह होने लगता है।
4. पंजीकरण करने से बचने की प्रवृत्ति:
ग्राहक, अक्सर एक बार कोई नया प्रोडक्ट खरीदने में झिझकते नहीं हैं, क्योंकि उसमें कोई बड़ी प्रतिबद्धता नहीं होती। लेकिन जब कोई अनुबंध जुड़ा हो, तो स्थिति बदल जाती है। कई ग्राहक, लंबे समय तक चलने वाली सेवाओं के लिए पंजीकरण करने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होता कि प्रोडक्ट उनके लिए उपयोगी होगा या नहीं।
5. ग्राहकों को लगातार नया अनुभव देना:
आज के ग्राहक, जल्दी ऊब जाते हैं और उनका ध्यान आसानी से भटकता है। इसलिए सब्सक्रिप्शन व्यवसाय मॉडल्स को ग्राहकों को लगातार कुछ नया देना पड़ता है, जो काफी थका देने वाला और समय लेने वाला हो सकता है। जैसे नेटफ़्लिक्स नियमित रूप से अपने प्लेटफ़ॉर्म पर नए शोज़ और फ़िल्में जोड़ता है, वैसे ही अन्य सेवाओं को भी प्रासंगिक बने रहने के लिए नए उत्पाद और सेवाएं पेश करनी होती हैं।

संदर्भ

https://tinyurl.com/4rf7566z
https://tinyurl.com/4bp97ub6
https://tinyurl.com/49fayn86
https://tinyurl.com/2v47wv3n


चित्र संदर्भ

1. ऑनलाइन भुगतान करती युवतियों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. सदस्यता या सब्सक्रिप्शन लेने के लिए एक बटन को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
3. टीवी पर नेटफ़िक्स के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. ऑनलाइन खरीदारी को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
5. सब्सक्रिप्शन व्यवसाय मॉडल को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)

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