आइए, पेट फ़्लू के कारणों, लक्षणों और इलाज की पहचान करते हैं

कीटाणु,एक कोशीय जीव,क्रोमिस्टा, व शैवाल
12-12-2024 09:17 AM
Post Viewership from Post Date to 12- Jan-2025 (31st) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1857 79 1936
आइए, पेट फ़्लू के कारणों, लक्षणों और इलाज की पहचान करते हैं
सितंबर 2024 में, जौनपुर ज़िले में खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत, 130 होटल, रेस्तरां और ढाबा संचालकों के नाम सार्वजनिक किए गए। इस अभियान में सात खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल थे। जांच के दौरान भोजनालय में साफ़- सफ़ाई नहीं होने के कारण 16 संचालकों को सुधार के लिए नोटिस दिया गया है। यह अभियान नगर और कस्बों में खाद्य मिलावट रोकने के उद्देश्य से चल रहा है। शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने यह कार्रवाई की है। मालिकों को साफ़- सफ़ाई में कमी मिलने पर सुधार के लिए कड़ी हिदायत दी गई है। यह कार्यवाही इसलिए भी ज़रूरी थी क्यों कि सर्दियाँ शुरू होते ही शहर में पेट फ्लू या वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Viral Gastroenteritis) जैसी बीमारियाँ फैलने लगती हैं! यह संक्रमण पेट और आंतों में सूजन का कारण बनता है। इसके सामान्य लक्षणों में दस्त, उल्टी, पेट दर्द, मतली और बुखार शामिल हैं। आज के इस लेख में, हम पेट फ्लू के वायरस और इसके लक्षणों पर विस्तार से बात करेंगे। लेख में आगे बढ़ते हुए हम यह भी जानेंगे कि पेट फ़्लू का इलाज कैसे किया जा सकता है। अंत में, हम भविष्य में पेट फ़्लू की रोकथाम के लिए कुछ आसान स्व-देखभाल युक्तियाँ भी आपके साथ साझा करेंगे।
पेट फ़्लू के बारे में अधिक जानने से पहले, हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि जठरांत्र संबंधी मार्ग क्या है और यह कैसे काम करता है?
जठरांत्र पथ (Gastrointestinal Tract) हमारे शरीर के भीतर उस मार्ग को कहा जाता है, जिससे होकर भोजन गुजरता है। यह मार्ग आपके मुंह से शुरू होकर अन्नप्रणाली, पेट, छोटी आंत, और बड़ी आंत तक जाता है। इस पथ में, भोजन से निकले पोषक तत्व और पानी अवशोषित होते हैं। जो चीज़ें अवशोषित नहीं होतीं, वे मल-मूत्र के रूप में आपके शरीर से बाहर निकल जाती हैं।
जी आई (Gastrointestinal tract (GI)) पथ का पहला भाग अन्नप्रणाली है। यह एक नली होती है, जो मुंह को पेट से जोड़ती है। भोजन अन्नप्रणाली से होते हुए पेट में पहुंचता है। एक औसत इंसान का पेट करीब डेढ़ लीटर तक भोजन संगृहीत कर सकता है। आपका पेट एक एसिड बनाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। हालांकि, पेट भोजन को अवशोषित नहीं करता। इसलिए भोजन केवल थोड़ी देर तक ही पेट में रहता है।
इसके बाद, छोटी मांसपेशियां भोजन को छोटी आंत में धकेल देती हैं।
हमारी छोटी आंत के तीन भाग होते हैं:
ग्रहणी (डुओडेनम (Duodenum): ग्रहणी में भोजन और पित्त रस मिलते हैं।
जेजुनम (Jejunum): जेजुनम में भोजन, छोटे तत्वों जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, और प्रोटीन में टूटता है।
इलियम (Ileum): इलियम में पोषक तत्व और पानी, रक्त में अवशोषित हो जाते हैं।
छोटी आंत में भोजन पाचन तरल पदार्थों के साथ मिलकर टूटता है। इन तरल पदार्थों में पित्त और अग्न्याशय से आने वाले रस शामिल होते हैं। अंत में, भोजन इलियम में जाता है, जहाँ से पोषक तत्व और पानी रक्त में अवशोषित हो जाते हैं। जो चीजें अवशोषित नहीं होतीं, वे बड़ी आंत (कोलन) में चली जाती हैं। जहाँ से यह अपशिष्ट, मल द्वार से बाहर निकल जाता है। यह प्रक्रिया आपके शरीर को पोषक तत्वों और ऊर्जा प्रदान करती है। बचा हुआ भोजन शरीर से बाहर निकल जाता है, जिससे पाचन तंत्र साफ़ और स्वस्थ रहता है।
आइए, अब जानते हैं कि वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है?
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक बीमारी है, जो पेट और आंतों की परत में सूजन और जलन पैदा करती है। यह बीमारी वायरस के कारण होती है और पेट, छोटी आंत और बड़ी आंत को प्रभावित कर सकती है। यह समस्या आम है और ज़्यादातर मामलों में कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। इसके लिए आमतौर पर इलाज की ज़रूरत नहीं होती।
यह बीमारी मुख्य रूप से निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के कारण होती है। निर्जलीकरण तब होता है जब दस्त और उल्टी के कारण शरीर से बहुत सारा पानी निकल जाता है। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी के पीछे कई वायरस हो सकते हैं। ये वायरस, आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के दस्त और उल्टी में पाए जाते हैं। ये, किसी भी सतह पर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
अगर इस बिमारी से संक्रमित व्यक्ति हाथ धोए बिना चीज़ों को छूता है, तो यह वायरस, फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा बनाई गई खाने-पीने की चीज़ों से भी यह बीमारी फैल सकती है। दूषित पानी भी इसका कारण बन सकता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य वायरस निम्नवत दिए गए हैं:
रोटावायरस (Rotavirus):
⦁ - यह वायरस, ज़्यादातर 3 से 15 महीने के बच्चों को प्रभावित करता है।
⦁ - बीमारी 3 से 7 दिन तक रहती है।
⦁ - यह पतझड़ और सर्दियों में ज़्यादा होता है।
नोरोवायरस (Norovirus) :
⦁ - यह वायरस, वयस्कों में आम है और अक्सर क्रूज़ जहाज़ों पर फैलता है।
⦁ - इसके लक्षण, 1 से 3 दिन तक रहते हैं।
⦁ - यह साल के किसी भी समय हो सकता है।
एडेनोवायरस (Adenovirus) :
⦁ - यह वायरस, सालभर सक्रिय रहता है और 2 साल से छोटे बच्चों को ज़्यादा प्रभावित करता है।
⦁ - लक्षण 5 से 12 दिन तक रह सकते हैं।
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस को पेट फ़्लू कहा जाता है, लेकिन यह इन्फ़्लुएंज़ा ( फ़्लू) से अलग होता है। फ्लू श्वसन तंत्र (नाक, गला, फेफड़े) को प्रभावित करता है, जबकि गैस्ट्रोएंटेराइटिस, आंतों को प्रभावित करता है।
इसके लक्षणों में शामिल हैं:
⦁ - पानी जैसा दस्त (आमतौर पर बिना खून वाला)
⦁ - मतली या उल्टी
⦁ - पेट में ऐंठन और दर्द
⦁ - हल्का बुखार
⦁ - कभी-कभी मांसपेशियों में दर्द या सिरदर्द
लक्षण कितने समय तक रहते हैं?
इसके लक्षण, संक्रमण के 1 से 3 दिन बाद दिखाई देते हैं और हल्के से गंभीर हो सकते हैं। ये आमतौर पर, 1-2 दिन तक रहते हैं, लेकिन कुछ मामलों में, 14 दिन तक बने रह सकते हैं।
इसके लक्षणों को देखकर, इसे क्लॉस्ट्रिडियोइड्स डिफिसाइल (Clostridioides difficile) , साल्मोनेला (Salmonella), या परजीवी गियार्डिया (Giardia) के कारण होने वाले डायरिया जैसे संक्रमण समझ लेना आम बात है।
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज:
वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के इलाज में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) को रोकना सबसे ज़रूरी है। इसके लिए, आपको भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
अगर स्थिति गंभीर हो, तो डॉक्टर, मरीज़ कोअस्पताल में भी भर्ती कर सकते हैं। वहां नसों के जरिए तरल पदार्थ दिए जा सकते हैं। हल्के मामलों में, पेडियालाइट जैसे ओवर-द-काउंटर ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (Over-the-counter oral rehydration solution) का उपयोग करना फ़ायदेमंद होता है।
ये उपाय शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करते हैं। इन्हें फ़ार्मेसी से आसानी से खरीदा जा सकता है।
जैसे-जैसे आप बेहतर महसूस करने लगें, हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों को धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल करें।
इस दौरान खाने के अच्छे विकल्पों में शामिल हैं:
⦁ - चावल
⦁ - आलू
⦁ - टोस्ट
⦁ - केले
⦁ - सेब
ये खाद्य पदार्थ आपके पेट को आराम देते हैं।
इस दौरान किन चीजों से बचें?
⦁ - तला-भुना या वसायुक्त खाना
⦁ - कैफीन
⦁ - शराब
⦁ - मीठे खाद्य पदार्थ
⦁ - डेयरी उत्पाद
इन सुझावों के अलावा भोजन के साथ और बीच-बीच में ज़्यादा तरल पदार्थ लेते रहें। अगर एक साथ ज़्यादा पानी पीने में दिक्कत हो, तो इसे थोड़ा-थोड़ा करके पिएं या बर्फ के टुकड़े चूसें।
फलों के रस से बचें। ये खनिजों की भरपाई नहीं करते और दस्त बढ़ा सकते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक (Sports Drinks) पिएं। छोटे बच्चों के लिए ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन बेहतर है। खाना कम मात्रा में और धीरे-धीरे खाएं, इससे आपके पेट को आराम मिलेगा। भरपूर आराम करें। हर रात 7-8 घंटे की नींद लें। साथ ही जब तक शरीर पूरी तरह से ठीक न हो जाए, भारी काम या शारीरिक गतिविधि से बचें। इन साधारण उपायों से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं और बीमारी के असर को कम कर सकते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2bfvayy7
https://tinyurl.com/ybwz4e9f
https://tinyurl.com/23mhy4r2
https://tinyurl.com/2xqc258n

चित्र संदर्भ

1. अपने पेट को हाथ से पकड़े हुए व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. जठरांत्र पथ (Gastrointestinal tract) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. रोटावायरस (Rotavirus) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एडेनोवायरस (Adenovirus) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. पानी पीती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.