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हम जब कभी भी मंदिर जाते हैं तो वहां पर विभिन्न प्रकार के घंटे दिखाई दे जाते हैं। आखिर मंदिर में घंटे का महत्व क्या है? भगवान को नींद से जगाने के लिए? परन्तु भगवान तो कभी सोते ही नहीं हैं। या यह बताने के लिए कि हम आये हैं, परन्तु ईश्वर को तो सब कुछ पता होता है। ईश्वर के मंदिर में दर्शनार्थ जाने के लिए भी किसी आज्ञा की आवश्यकता नहीं होती है क्यूंकि मंदिर में किसी के आने पर प्रतिबन्ध नहीं होता। अब यह प्रश्न उठता है कि तब आखिर मंदिर में घंटी क्यूँ बजायी जाती है?
घंटी को बजाने पर उससे एक विशिष्ट आवाज निकलती है। यह ‘ॐ’ की आवाज निकालता है। ॐ ईश्वर का नाम है। मंदिर व आस-पास के शुभ क्षेत्र की रचना का होना आवश्यक है और ईश्वर की शुभ आशीर्वाद को यह अपनी तरफ केन्द्रित करता है।
आरती के दौरान भी हम घंटी बजाते हैं। यह कभी-कभी शंख की शुभ आवाज के साथ बजायी जाती है। शंख की आवाज शुभ होती है और शांति प्रदान करती है जिससे किसी भी प्रकार से पूजा के दौरान ध्यान भटकता नहीं है।
हम रोज घंटी को निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए बजाते हैं-
अगर्मार्थ्म्तु देवानां
गमनार्थ्म्तु रक्षसाम
कुर्वे घंटारवं तत्र
देवाताह्वाहना लोक्षनम
1. इन इंडियन कल्चर व्हाई डू वी... – स्वामिनी विमलानान्दा, राधिका कृष्णकुमार
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