समयसीमा 237
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 948
मानव व उसके आविष्कार 726
भूगोल 236
जीव - जन्तु 275
Post Viewership from Post Date to 22- Jul-2024 31st Day | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1506 | 105 | 1611 |
'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय' (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन के लिए एक शीर्ष कार्यकारी निकाय है। 2007 में अपने गठन के बाद MSME के द्वारा जिलों पर एक दी आई पी DIP (Data Integrity Process) रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जो उनकी सामाजिक आर्थिक विशेषताओं पर आधारित थी। हमारे जौनपुर के लिए यह रिपोर्ट 2011 में बनाई गई थी। जौनपुर की (MSME) रिपोर्ट में सांख्यिकीय जानकारी 4 अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित है: ज़िले की सामान्य विशेषताएं, एक नज़र में ज़िला, जौनपुर का औद्योगिक परिदृश्य, और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के मौजूदा समूह। इस जानकारी से हम पंजीकृत इकाइयों का वर्षवार रुझान निर्धारित कर सकते हैं। हम जिले में मौजूदा सूक्ष्म और लघु उद्यमों और कारीगर इकाइयों का विवरण और बहुत कुछ आंकड़े भी देख सकते हैं। तो आइए आज के इस लेख में हम नए प्रावधानों के तहत MSME की परिभाषा के विषय में समझते हैं और (MSME) मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे 'चैंपियन' पोर्टल के विषय में जानते हैं, जिस पर विभिन्न उद्यम अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में MSMEs के महत्व के विषय में जानते हैं और यह देखते हैं कि हमारे जौनपुर में यदि MSMEs से जुड़ी कोई समस्या होती है, तो वह किन एजेंसियो से संपर्क कर सकते हैं।
स्थापित होने के १४ वर्ष बाद 13 मई, 2020 को देश में MSME की परिभाषा और मानदंडों में ऊपरी संशोधन के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की गई। नई परिभाषा और मानदंड 1 जुलाई, 2020 से लागू किए गए। इस अधिसूचना के अनुसार, सूक्ष्म विनिर्माण और सेवा इकाइयों की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये का निवेश और 5 करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया गया। छोटी इकाई की सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये का निवेश और 50 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया।
इसी प्रकार, मध्यम इकाई की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये का निवेश और 100 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया। मध्यम उद्यमों के लिए एक और बदलाव लाकर इसकी सीमा को फिरसे बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये का निवेश और 250 करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया गया। MSME की परिभाषा का मौजूदा मानदंड ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006’ (Micro, Small and Medium Enterprises Development Act, 2006 (MSMED) पर आधारित है। यह अधिनियम विनिर्माण और सेवा इकाइयों के लिए अलग था। वित्तीय सीमा के लिहाज से भी यह काफी कम था। तब से, अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आये हैं। 13 मई, 2020 की घोषणा के बाद, कई अभ्यावेदन आए, जिनमें कहा गया कि घोषित संशोधन अभी भी बाज़ार और मूल्य स्थितियों के अनुरूप नहीं है और इसलिए इसे और अधिक संशोधित किया जाना चाहिए। इन अभ्यावेदन को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने मध्यम इकाइयों के लिए सीमा को और बढ़ाने का निर्णय लिया। ऐसा समय के साथ यथार्थवादी होने और वर्गीकरण की एक वस्तुनिष्ठ प्रणाली स्थापित करने और व्यापार करने में आसानी प्रदान करने के लिए किया गया है।
मंत्रालय के अनुसार, नई परिभाषा से MSME की मज़बूती और वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे देश से निर्यात में तेज़ी से वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे अधिक विकास और आर्थिक गतिविधि एवं नई नौकरियों का सृजन होगा। साथ ही, विनिर्माण और सेवा इकाइयों के लिए वर्गीकरण का एक नया समग्र फॉर्मूला अधिसूचित किया गया । इसके साथ ही विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया गया। साथ ही, कारोबार का एक नया मानदंड भी जोड़ा गया। MSME मंत्रालय द्वारा 'चैंपियंस' (Champions) के नाम से MSME और नए उद्यमियों के लिए एक बहुत मजबूत तंत्र स्थापित किया गया। इच्छुक उद्यम/लोग इस तंत्र का लाभ उठा सकते हैं और अपने प्रश्न या शिकायतें भी रख सकते हैं।
चैंपियंस पोर्टल समस्याओं के समाधान, निवारण और उपचार का एक मंच है।
यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली एक सुविधा है, जिसके द्वारा निम्नलिखित कार्य सुनिश्चित किए जाते हैं: -
MSME शिकायतों का त्वरित, सुविधाजनक और प्रभावी निवारण सुनिश्चित करना।
विभिन्न सरकारी योजनाओं/नीतियों के संचालन में MSME को सहायता प्रदान करना।
वित्त, विपणन, प्रौद्योगिकी, कच्चा माल, श्रम, बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में मार्गदर्शन और सलाहकार सेवाएं प्रदान करना।
मंत्रालय, राज्य सरकारों, ऋण देने वाली संस्थाओं और सरकारी एजेंसियों के प्रमुख अधिकारियों के साथ MSME को जोड़ना।
MSME मंत्रालय की सभी योजनाओं की जानकारी और विवरण का प्रसार करना।
आज की तारीख में, पोर्टल द्वारा देश भर में 69 राज्य नियंत्रण कक्षों की सुविधा का उपयोग करके ग्यारह क्षेत्रीय भाषाओं में सूचनाएं प्रसारित की जाती हैं।
अर्थव्यवस्था के विकास में MSMEs का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इनके द्वारा लाखों कारीगरों और श्रमिकों के लिए रोज़गार के अवसर उत्पन्न किए जाते हैं। वे उद्यमशीलता और विशिष्ट कौशल के विकास को भी बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त, इनके द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और समग्र रूप से क्षेत्र के विकास का समर्थन किया जाता है। MSMEs घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के विकास का दोहन करने में मदद करते हैं। भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार की 'मेक इन इंडिया' (Make In India) पहल में MSMEs प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। MSMEs द्वारा प्रदान किए जाने वाले इन लाभों को देखते हुए हमारे जौनपुर में उद्यमियों को सहायता प्रदान करने वाली विभिन्न एजेंसियों को स्थापित किया गया है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:
1. अनंतिम पंजीकरण प्रमाणपत्र (EM-1) और स्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र (EM-II): DIC, जौनपुर
2. परियोजना प्रोफ़ाइल, तकनीकी आर्थिक और प्रबंधकीय परामर्श सेवाओं, बाज़ार सर्वेक्षण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पहचान: MSME-DI इलाहाबाद: DIC जौनपुर
3. भूमि और औद्योगिक शेड: UPSIDC, इलाहाबाद, DIC जौनपुर
4. वित्तीय सहायता: सिडबी, बैंक,
5. सरकारी आपूर्ति के तहत कच्चे माल के लिए: NSIC इलाहाबाद
6. किराये/खरीद के आधार पर संयंत्र और मशीनरी: NSIC इलाहाबाद, DIC, जौनपुर
7. पावर/विद्युत: UP पावर कॉर्पोरेशन
8. तकनीकी जानकारी: MSMEDI इलाहाबाद
9. गुणवत्ता एवं मानक: MSMEDI इलाहाबाद, DIC जौनपुर
10. विपणन/निर्यात सहायता: MSMEDI इलाहाबाद, DIC जौनपुर
11. अन्य प्रचार एजेंसियां: जौनपुर और वाराणसी के इंजीनियरिंग कॉलेज/विश्वविद्यालय
'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय' (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से संबंधित नियमों, विनियमों और कानूनों के निर्माण और प्रशासन के लिए एक शीर्ष कार्यकारी निकाय है। यह हर ज़िले एक दी आई पी DIP (Data Integrity Process) रिपोर्ट प्रकाशित करती है, जो उसकी सामाजिक और आर्थिक विशेषताओं पर आधारित होती है।
हमारे जौनपुर के लिए यह रिपोर्ट 2011 में बनाई गई थी। इस रिपोर्ट से हम ज़िले में मौजूदा सूक्ष्म और लघु उद्यमों और कारीगर इकाइयों का विवरण और बहुत कुछ आंकड़े भी देख सकते हैं। तो आइए, आज के इस लेख में हम नए प्रावधानों के तहत MSME की परिभाषा के विषय में समझते हैं और MSME मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे 'चैंपियन' पोर्टल के विषय में जानते हैं, जिस पर विभिन्न उद्यम अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में MSMEs के महत्व के विषय में जानते हैं और यह देखते हैं कि हमारे जौनपुर में यदि MSMEs से जुड़ी कोई समस्या होती है, तो वे किन एजेंसियो से संपर्क कर सकते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mwa8pzxp
https://tinyurl.com/pr4sh95h
https://tinyurl.com/2mmcef3k
चित्र संदर्भ
1. एक महिला पुष्प विक्रेता को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix, wikimedia)
2. 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय' के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. जूस विक्रेता को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. साड़ी विक्रेताओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. मिठाइयों की दुकान को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.