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बंदरगाहों को भारत जैसी तटीय अर्थव्यवस्थाओं का आधार स्तंभ माना जाना चाहिए। बंदरगाह, कई देशों और उनकी अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाले प्रमुख बिंदुओं के रूप में कार्य करते हैं। इनकी कार्यशैली को बेहतर ढंग से समझने के लिए आज हम भारत के दो प्रमुख बंदरगाहों: मोरमुगाओ और कोचीन बंदरगाह के बारे में जानेंगे।
1. मोरमुगाओ बंदरगाह (Mormugao Port): मोरमुगाओ, गोवा के पश्चिमी तट पर स्थित भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है। यह जुआरी नदी के मुहाने के दक्षिणी छोर के पास स्थित है। यह बंदरगाह गोवा की राजधानी पणजी से लगभग 34 किलोमीटर दूर है। मोरमुगाओ बंदरगाह का एक समृद्ध इतिहास रहा है, जिसने राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। मोरमुगाओ बंदरगाह का निर्माण 1888 में किया गया था, जब गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन था। यह गोवा से लौह अयस्क और मैंगनीज़ की दुनिया के अन्य हिस्सों में शिपिंग करने के लिए बेहद ज़रूरी हुआ करता था। समय के साथ, बड़े जहाज़ों और अधिक माल को संभालने हेतु बंदरगाह को और अधिक उन्नत और विस्तारित किया गया। बंदरगाह प्रशासन, अपनी कोयला आयात क्षमताओं का विस्तार करके विकास करना चाहता है। जिसके तहत कई नए कोयला आयात टर्मिनलों के विकास को भी मंजूरी दी गई है। हालाँकि, इन योजनाओं को गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GSPCB) से सीधे-सीधे चुनौती मिल रही है।
मोरमुगाओ बंदरगाह की वेबसाइट में इसे भारत के पश्चिमी तट पर स्थित सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है, जो एक सदी से भी अधिक समय से देश की सेवा कर रहा है। यह 1963 में एक प्रमुख बंदरगाह बन गया। आज यहाँ से मुख्य रूप से लौह अयस्क का निर्यात किया जाता है। समय के साथ, बंदरगाह में अधिक तरल थोक और सामान्य कार्गो यातायात भी देखा गया है। इस बंदरगाह को अपनी उत्कृष्ट सुविधाओं, उच्च उत्पादकता, अच्छे प्रबंधन और मेहनती कर्मचारियों के लिए जाना जाता है, जिससे यह भारत के सबसे कुशल बंदरगाहों में से एक बन जाता है। ।
भारतीय कोयला टर्मिनलों के संबंध में आई एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि 2012 में मोरमुगाओ पोर्ट पर मुख्य रूप से लौह अयस्क का निर्यात किया गया था। लेकिन इस बंदरगाह से स्टील प्लांट के लिए लगभग 2 मिलियन टन कुकिंग कोल (coking coal) का भी आयात किया गया। 2016-17 में, बंदरगाह से 12.75 मिलियन टन कोयले का आयात किया गया, जिसमें से अधिकांश कोयला ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ़्रीका जैसे देशों से आया। कोयले का मुख्य आयातक JSW (Jindal Steel Works) था, जिसने 10.11 मिलियन टन कोयले का आयात किया, उसके बाद अडानी ने 1.9 मिलियन टन कोयला आयात किया। इसके अलावा वेदांता ने भी गोवा में अपने पिग आयरन प्लांट (Pig iron plant) के लिए कुछ कोयला आयात किया। अगले वर्षों (2018-2019 में 8.2 मिलियन टन और 2020-2021 में 9.3 मिलियन टन) में कोयले का आयात कम हुआ। नवंबर 2020 में, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पर्यावरणविदों के विरोध के कारण मोरमुगाओ पोर्ट पर कोयला-हैंडलिंग वॉल्यूम (coal-handling volume) में 50% की कटौती करने का वादा किया था। हालांकि, इस कमी के लिए कोई विशेष समय सीमा नहीं दी गई।।
मोरमुगाओ बंदरगाह का स्वामित्व भारत सरकार के पास है और इसका प्रबंधन मोरमुगाओ बंदरगाह ट्रस्ट (Mormugao Port Trust) द्वारा किया जाता है, जो इसके संचालन और विकास के लिए ज़िम्मेदार एक सरकारी निकाय है। भारत के पश्चिमी तट पर गोवा में स्थित, मोरमुगाओ बंदरगाह भारत के व्यापार और रसद आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भारत के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक है और अपनी स्थापना के बाद से ही देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
मोरमुगाओ बंदरगाह समुद्री मार्गों से अन्य प्रमुख भारतीय बंदरगाहों से और विकसित सड़क और रेल नेटवर्क द्वारा भीतरी इलाकों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 17 और 4A जैसे प्रमुख राजमार्गों से जुड़ा हुआ है! कोंकण रेलवे भी यहीं से होकर गुज़रती है। यह शानदार नेटवर्क यहाँ से भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माल को कुशलतापूर्वक ले जाने में मदद करता है। एक प्रमुख लौह अयस्क निर्यात बंदरगाह के रूप में, यह भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह बंदरगाह कोयला, कोक, पेट्रोलियम, मैंगनीज़ अयस्क और सामान्य कार्गो को भी संभालता है, जिससे ऊर्जा की आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता मिलती है। यह पोर्ट हज़ारों लोगों को रोज़गार प्रदान करके गोवा और कर्नाटक की स्थानीय अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।।
हाल के वर्षों में मोरमुगाओ बंदरगाह ने अपनी क्षमता और दक्षता बढ़ाने के लिए विस्तार किया है। एक प्रमुख परियोजना में बड़े जहाज़ों और अधिक कार्गो को संभालने के लिए एक नई बर्थिंग सुविधा का निर्माण किया जा रहा है। आधुनिक बुनियादी ढाँचे में सुधार में नए कंटेनर-हैंडलिंग क्रेन (container-handling cranes), उन्नत उपकरण और बेहतर गोदाम और भंडारण सुविधाएँ शामिल हैं।।
मोरमुगाओ पोर्ट में वेयरहाउसिंग (warehousing), कोल्ड स्टोरेज (cold storage) और कस्टम्स क्लीयरेंस (customs clearance) जैसी सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। पोर्ट के बुनियादी ढाँचे में उन्नत कंटेनर-हैंडलिंग क्रेन (Container-handling crane), आधुनिक भंडारण सुविधाएँ और कार्गो परिवहन का समर्थन करने के लिए एक समर्पित सड़क और रेल नेटवर्क भी शामिल हैं।
2. कोचीन बंदरगाह: कोचीन बंदरगाह को ‘कोच्चि बंदरगाह’ के नाम से भी जाना जाता है। यह केरल के एर्नाकुलम ज़िले में स्थित कोच्चि शहर का एक प्रमुख बंदरगाह है। 1928 में खोला गया, यह बंदरगाह क्षेत्र के शिपिंग उद्योग के लिए महत्वपूर्ण रहा है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दोनों का समर्थन करता है। अपने रणनीतिक स्थान और आधुनिक सुविधाओं के बलबूते, कोचीन बंदरगाह शिपिंग उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरा है। यह भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक है और देश का पहला ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह (trans-shipment port) है।।
कोचीन बंदरगाह पर अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (International Container Trans-shipment Terminal (IICT) को भारत में सबसे बड़ी कंटेनर ट्रांसशिपमेंट सुविधा माना जाता है। इस बंदरगाह का प्रबंधन कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण (CoPA) द्वारा किया जाता है, जो भारत सरकार की इकाई है। इस बंदरगाह में 14 डॉकिंग क्षेत्र (बर्थ) हैं, जिनकी कुल लंबाई 3.2 किलोमीटर है। यह 300 मीटर लंबे और 90,000 डेडवेट टनेज (DWT) तक के जहाज़ों को समायोजित कर सकता है।
कोचीन पोर्ट प्रति वर्ष 25 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक कार्गो को संभाल सकता है। यह पोर्ट: कंटेनर, ड्राई और लिक्विड बल्क (dry and liquid bulk) और ब्रेकबल्क (Breakbalk) सहित विभिन्न प्रकार के कार्गो को संभालता है। पोर्ट में कार्गो को संभालने के लिए कंटेनर क्रेन, रबर-टायर गैंट्री क्रेन और मोबाइल हार्बर क्रेन (Mobile Harbor Crane) जैसे आधुनिक उपकरण मौजूद हैं। कुशल कार्गो मूवमेंट की सुविधा के लिए इसमें रेलवे और सड़क नेटवर्क भी हैं। कोचीन पोर्ट में कच्चे तेल के आयात के लिए एक सिंगल पॉइंट मूरिंग (Single Point Mooring (SPM) सिस्टम भी है, और एसपीएम 300,000 DWT तक के बहुत बड़े क्रूड कैरियर (VLCC) को समायोजित कर सकता है। 19.5 किलोमीटर की पाइपलाइन, एसपीएम को पुथुवाइपेन में स्टोरेज टैंकों से जोड़ती है। एसपीएम 19 किलोमीटर दूर है और 30 मीटर गहरा है, जिससे यह किसी भी परिस्थिति में 21 मीटर से अधिक ड्राफ्ट वाले जहाज़ों को संभाल सकता है। 48 इंच की पाइप लाइन एसपीएम को चार बड़े टैंकों वाली तटीय भंडारण सुविधाओं से जोड़ती है, जिनमें से प्रत्येक में 80,000 किलोग्राम कच्चा तेल होता है।
कोचीन पोर्ट कई कार्गो हैंडलिंग सेवाएँ प्रदान करता है, जिनमें शामिल है:
- कंटेनर हैंडलिंग (Container handling): परिवहन के लिए कंटेनरों का प्रबंधन।
- ड्राई बल्क हैंडलिंग (Dry bulk handling): अनाज या कोयले जैसे सामानों को संभालना।
- लिक्विड बल्क हैंडलिंग (liquid bulk handling): तेल जैसे तरल पदार्थों का प्रबंधन।
- विशेष टर्मिनल (Special Terminal): बड़ी परियोजनाओं और ऑटोमोबाइल के लिए।
कोचीन पोर्ट में कई स्टेशन हैं जो कई सेवाएँ प्रदान करते हैं:
- कंटेनर स्टफिंग और डी-स्टफिंग (Container stuffing and de-stuffing)
- वेयरहाउसिंग (Warehousing): अस्थायी रूप से सामान स्टोर करना।
- ट्रकिंग (Trucking): सड़क मार्ग से सामान का परिवहन करना।
बंदरगाह में एक जहाज़ मरम्मत यार्ड भी है, जो निम्न सेवाएँ प्रदान करता है:
- पतवार की मरम्मत
- इंजन की मरम्मत
- विद्युत मरम्मत
कोचीन बंदरगाह निम्नलिखित रसद सेवाएँ प्रदान करता है:
- माल अग्रेषण: माल परिवहन की व्यवस्था करना।
- सीमा शुल्क निकासी: आयात/निर्यात कागज़ी कार्रवाई को संभालना।
इस पोर्ट में एक सख्त शून्य-निर्वहन नीति लागू की गई है, जो यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी अनुपचारित अपशिष्ट समुद्र में न छोड़ा जाए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yc74fnxd
https://tinyurl.com/3kr5dty2
https://tinyurl.com/4cte3n8u
https://tinyurl.com/kwj9w37t
चित्र संदर्भ
1. मोरमुगाओ और कोचीन बंदरगाह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मोरमुगाओ बंदरगाह के तट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मोरमुगाओ बंदरगाह पर खड़े जहाजों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. मोरमुगाओ बंदरगाह के तट पर खड़ी बसों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. दूर से मोरमुगाओ बंदरगाह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. विलिंगडन द्वीप में कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के कार्यालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. कोचीन बंदरगाह पर खड़े जहाजों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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