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हमारे जौनपुर ज़िले में ईद का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ईद के दौरान यहां नमाज़ अदा करने के लिए लोग बड़ी संख्या में ईदगाह मस्जिद में इकट्ठा होते हैं। ईद पर यहाँ के रोशनी से सजे धजे बाज़ारों और सड़कों पर अलग ही नजारा दिखाई देता है। रमज़ान के पवित्र महीने के आखिर में ईद मनाई जाती है, लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि ईद और रमज़ान में क्या अंतर है और चांद का ईद से क्या लेना-देना है। तो आइए आज ईद के मौके पर जानते हैं कि ईद और रमजान के बीच क्या अंतर है और ईद का दिन निश्चित करने में चांद का क्या महत्व और भूमिका है? इसके साथ ही चांद रात के अर्थ को भीसमझते हैं।
इस्लाम धर्म में रमज़ान एक पवित्र महीना है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग दिन के उजाले के दौरान भोजन से परहेज करते हैं और उपवास रखते हैं, जिसे रोज़ा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह आत्म-अनुशासन सिखाता है और मुसलमानों को पीड़ा और गरीबों के प्रति जागरूक बनाता है। रमज़ान के रूप में उस महीने को याद किया जाता है जब पवित्र मुस्लिम धर्म ग्रन्थ ‘कुरान’ पहली बार पैगंबर मुहम्मद के सामने प्रकट हुआ था।
रमज़ान पवित्र मुस्लिम कैलेंडर का नौवां महीना है, जब मुसलमान सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच रोज़े रखते हैं और अपने से कम भाग्यशाली लोगों के बारे में सोचने, प्रार्थना करने, कुरान पढ़ने और अच्छे कर्म करने में अपना समय व्यतीत करते है। वे अक्सर सूर्योदय से पहले अच्छा नाश्ता करते हैं जिसे 'सुहुर' के नाम से जाना जाता है। सूर्यास्त के बाद, कई मुसलमान खजूर के साथ उपवास तोड़ते हैं, क्योंकि वे आसानी से पच जाते हैं और शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। रमजान को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक स्तंभ माना जाता है।
ईद-उल-फितर रमज़ान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। ईद-उल-फितर आमतौर पर इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर नमाज़ पढ़ते है, एक दूसरे को उपहार देते हैं और सामूहिक भोज का आयोजन भी करते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ईद-उल-फितर का त्यौहार पूरे एक महीने उपवास करने की शक्ति देने और वर्ष के दौरान किए गए किसी भी पाप के लिए क्षमा मांगने के लिए अल्लाह के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के रूप में मनाया जाता है। संक्षेप में, रमज़ान उपवास की अवधि है, जबकि ईद-उल-फितर उपवास के अंत का प्रतीक है। ईद मुसलमानों के लिए परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर रमज़ान के अंत का जश्न मनाने और अल्लाह को उनके आशीर्वाद के लिए शुक्रिया अदा करने का समय होता है। आमतौर पर ईद की सुबह मुस्लिम समुदाय के लोग मस्ज़िदों में या खुले स्थानों पर सामूहिक नमाज़ में शामिल होते हैं। जिसके बाद वे एक दूसरे को गले लगा कर "ईद मुबारक" कहकर बधाई देते हैं और उपहार देते हैं, खासकर बच्चों को। मुस्लिम लोग अक्सर नवीकरण और उत्सव के प्रतीक के रूप में ईद-उल-फितर पर नए कपड़े पहनते हैं। इस दिन ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए दान देने की प्रथा है जिसे ज़कात अल-फितर के रूप में जाना जाता है। यह दान आम तौर पर भोजन के रूप में होता है और इसे गरीबों और ज़रूरतमंदो को दिया जाता है ताकि वे भी इस अवसर का जश्न मना सकें। अंत में अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ मिलकर ईद से संबंधित विशिष्ट व्यंजनों और पकवानों के साथ इस त्यौहार का आनंद लेते हैं।
रमज़ान महीने की शुरुआत अर्धचंद्र के दर्शन से निर्धारित होती है, जो इस्लामी चंद्र महीने की शुरुआत का प्रतीक है। रमज़ान की शुरुआत का निर्धारण करने के लिए चन्द्रमा को देखकर खगोलीय गणना की जाती है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर चंद्रमा के चक्र पर आधारित है, जिसमें एक महीने में 29 या 30 दिन होते हैं। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के विपरीत है, जो सौर वर्ष पर आधारित है। परिणामस्वरूप, रमज़ान की शुरुआत और समाप्ति में हर साल एक या दो दिन का अंतर आ जाता है।
ईद और रमज़ान जैसे महत्वपूर्ण दिनों को निर्धारित करने के लिए चंद्रमा को देखना इस्लामी परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दुनिया भर के देशों में खगोलविदों और धार्मिक विद्वानों द्वारा अर्धचंद्र को देख कर रमज़ान की शुरुआत का निर्धारण किया जाता है। कुछ स्थानों पर चंद्रमा को नग्न आंखों से देखा जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर दूरबीन या अन्य उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है। फिर अगले अर्धचंद्र के दर्शन से रमज़ान के अंत और मुसलमानों के दो बड़े त्यौहारों में से एक, ईद अल फितर की शुरुआत को चिह्नित किया जाता है।
ईद उल फितर के लिए जिस रात चाँद दिखता है उसे चाँद रात कहते हैं। चाँद रात का अर्थ नए इस्लामी महीने शव्वाल की शुरुआत है। चाँद रात को लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ रमज़ान के आखिरी दिन के अंत में नए चाँद को देखने के लिए खुले क्षेत्रों में इकट्ठा होते हैं, जो इस्लामी महीने शव्वाल और ईद के दिन के आगमन का संकेत देता है।
एक बार चाँद दिखने के बाद, लोग एक-दूसरे को ईद मुबारक कहते हैं। महिलाएं और लड़कियाँ अपने हाथों को मेहंदी से सजाती हैं, और घरो में ईद के अगले दिन के लिए मिठाइयाँ और पकवान तैयार किये जाते हैं। और लोग दिल खोल कर खरीदारी करते हैं। शहर की सड़कों पर उत्सव जैसा माहौल होता है और सड़कों और बाज़ारों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/577zsa2r
https://tinyurl.com/bdzbtrbf
https://tinyurl.com/yc8397eh
चित्र संदर्भ
1. एक मस्जिद के पीछे से निकल रहे चाँद को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. नमाज़ पढ़ती मुस्लिम युवतियों को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
3. गले मिलते मुस्लिम युवकों को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
4. रात में बेराम मस्जिद टॉवर, के पीछे एक अर्धचंद्राकार चंद्रमा को दर्शाता एक चित्रण (pexels)
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