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हमारा जौनपुर ज़िला अपने त्योहारों के लिए काफी मशहूर है। वर्तमान में ईसाई समुदाय का पवित्र सप्ताह चल रहा है, जो गुड फ्राइडे (Good Friday) के बाद ईस्टर (Easter) तक चलता है। इनमें से प्रत्येक दिन को अनूठे तरीके से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप गुड फ्राइडे और ईस्टर जैसे अवसरों के ऐतिहासिक संदर्भों के बारे में जानते हैं? चलिए आज इसी विषय को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं।
2024 में ईस्टर 31 मार्च को मनाया जाएगा। ईस्टर ईसाई धर्म में एक प्रमुख अवकाश है। इस दिन को सूली पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद यीशु के पुनर्जीवित होने की याद में मनाया जाता है। यह दिन लेंट (Lent) के अंत का प्रतीक भी होता है। लेंट कई ईसाई चर्चों के लिए प्रार्थना, उपवास और पश्चाताप की अवधि को कहा जाता है।
ईस्टर को ईसाई कैलेंडर की प्रमुख घटनाओं में से एक माना जाता है। इस दौरान ईसाई लोग, यीशु मसीह के बलिदान और पुनरुत्थान के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। क्रूस पर चढ़ाए जाने, मृत्यु और दफनाए जाने के बाद, यीशु तीन दिन बाद फिर से जीवित हो उठे थे। इस कृत्य को मृत्यु पर उनकी विजय और पाप से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। ईस्टर का समय चर्च द्वारा ग्रेगोरियन या जूलियन कैलेंडर (Gregorian or Julian calendar) के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
ईस्टर की सबसे प्रसिद्ध ईस्टर परंपराओं में से एक “ईस्टर बनी (Easter Bunny)” है। ईस्टर बनी लोककथाओं की आकृति और ईस्टर का प्रतीक है, जिसे खरगोश के रूप में चित्रित किया जाता है। कहानी कहती है कि ईस्टर बनी, अंडे देती है, उन्हें सजाती है और छुपाती है। इस प्रकार यह प्रक्रिया नए जीवन का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसलिए, कई परिवारों में, बच्चे इस कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए ईस्टर अंडे (easter eggs) की खोज में भाग लेते हैं। ईस्टर अंडे से जुड़े ईसाई रीति-रिवाज काफ़ी हद तक वसंत संस्कार से संबंधित प्राचीन मूर्ति पूजा प्रथाओं से समानता रखते हैं। अंडा प्राचीन काल से ही 'प्रजनन', 'पुनर्जन्म' और 'आरंभ' का प्रतीक रहा है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार विश्व भी एक अण्डे (वैदिक दर्शन में हिरण्यर्भ (शाब्दिक रूप से 'सुनहरा गर्भ' या 'सुनहरा अंडा', जिसे 'सार्वभौमिक जीवाणु' के रूप में अनुवादित किया गया है) ब्रह्मांड की उत्पत्ति और प्रकटीकरण का स्त्रोत है) से विकसित हुआ है। ईसाई धर्म के उदय के साथ, चर्च (church) ने कई बुतपरस्त (pagan) रीति-रिवाजों को अपनाया, जिसमें अंडों ने नवजीवन के प्रतीक के रूप में, पुनरुत्थान का प्रतिनिधित्व किया। ईसाइयों के लिए, ईस्टर पर सजाए गए अंडे, उस कब्र (sepulchre) का प्रतीक बन गए ,जहां मृत यीशु का देह दफनाया गया था, और जहां से यीशु मसीह फिर से जीवित हुए थे। दरअसल अंडे का कठोर खोल (बाहरी भाग) पत्थर से निर्मित उनके कब्र को संदर्भित है, जबकि खोल का टूटना, मृत होकर उनके पुनरुत्थान को दर्शाता है।
ईस्टर बनी का पहला उल्लेख 17वीं शताब्दी से पहले का मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि यूरोप के जर्मन लोगों ने ईस्टर के दौरान बच्चों के लिए उपहार लाने वाले खरगोश ओस्टरहेज़ (Osterhase) की अवधारणा को पेश किया था।
ईसाई लोग ईस्टर से तीन दिन पहले ईसा मसीह के सूली पर चढ़ने की घटना को गुड फ्राइडे के तौर पर याद करते हैं। वे इस दिन को उपवास करके और चर्च सेवाओं या यीशु मसीह के अंतिम घंटों का पुनःचित्रण करके मनाते हैं। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर संडे (Easter Sunday) के अवसर पर ईसा मसीह पुनः जीवित हो गये थे। बाइबिल हमें बताती है कि इसी दिन मैरी मैग्डलीन (Mary Magdalene) को उस गुफ़ा में एक खाली क़ब्र मिली थी जहां गुड फ्राइडे के दिन सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईसा मसीह की देह को रखा गया था।
गुड फ्राइडे के अगले दिन को पवित्र शनिवार (Holy Saturday) के रूप में मनाया जाता है। ईसाई परंपरा में पवित्र शनिवार शांत चिंतन का दिन है, जो गुड फ्राइडे पर यीशु के क्रूस पर चढ़ने और ईस्टर रविवार को उनके पुनरुत्थान के बीच के समय को चिह्नित करता है। यह दिन यीशु के अनुयायियों के लिए प्रार्थना और चिंतन करने का दिन है। पवित्र शनिवार लेंट अवधि के अंत का प्रतीक भी है। लेंट अवधि 40 दिनों की उस अवधि को कहा जाता है, जिस दौरान कई ईसाई उपवास करके या कुछ विलासिता का त्याग करके ईस्टर की तैयारी करते हैं। पवित्र शनिवार इसी अवधि के अंत का प्रतीक है।
पवित्र शनिवार से जुड़े अनोखे तथ्य निम्नवत् दिये गये हैं:
- इसे मुख्य रूप से कैथोलिक चर्च (Catholic Church) द्वारा मनाया जाता है।
- इस दौरान 40 घंटों तक प्रार्थना करने और चिंतन करने के लिए जागते रहने की परंपरा है।
- यह यीशु के दोस्तों और परिवार के इंतजार और आशा को याद करने का दिन है।
- यह लेंट की उपवास अवधि के समापन को संदर्भित करता है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/536bbwva
https://tinyurl.com/43xjw5p4
https://tinyurl.com/mwa82kfr
https://tinyurl.com/2x85zcuz
चित्र संदर्भ
1. क्रेमिकोवत्सी मठ, बुल्गारिया में यीशु के अंतिम भोज के भित्तिचित्र को संदर्भित करता एक चित्रण (Wikimedia)
2. फसह के मेम्ने (Passover Lamb) को दर्शाती एक रंगीन कांच की खिड़की, जो ईस्टर की नींव का अभिन्न अंग है! को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
3. ग्रेट लेंट के दौरान निषिद्ध ईस्टर अंडे और अन्य खाद्य पदार्थों से भरी टोकरियों को आशीर्वाद देते एक पादरी को संदर्भित करता एक चित्रण (Wikimedia)
4. एक महिला के साथ ईसा मसीह को दर्शाता एक चित्रण (picryl)
5. पवित्र शनिवार मनाते सैनिकों को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
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