प्राकृतिक झरनों में CO₂ से चार्ज होते खनिज को देख, उत्पन्न हुए बोतलबंद कार्बोनेटेड पेय

स्वाद- खाद्य का इतिहास
29-02-2024 09:14 AM
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प्राकृतिक झरनों में CO₂ से चार्ज होते खनिज को देख, उत्पन्न हुए बोतलबंद कार्बोनेटेड पेय

ठंडा मतलब कोका कोला (Coca-Cola), यह टैगलाइन (Tagline) तो हम सभी ने सुनी है। साथ ही आपने कभी न कभी दूसरी कंपनी का कोला (Carbonated Beverages) भी ज़रूर पिया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि,आज जिस शीतल पेय यानी कोला की पूरी दुनिया दीवानी हो गई है, उसकी खोज कैसे हुई थी? आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के पहले कार्बोनेटेड पेय (Carbonated Drink) की खोज किसी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में नहीं बल्कि आकस्मिक हुई थी। यह प्राकृतिक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) से चार्ज होने वाले खनिज पानी के झरनों में उत्पन्न हुआ था। 1767 में, जोसेफ प्रीस्टले (Joseph Priestley) नाम के एक अंग्रेज ने पानी में कार्बन डाइऑक्साइड मिलाकर इस प्राकृतिक घटना को दोहराने की एक विधि तैयार की। इसी तरह की उपलब्धि 1771 में स्वीडिश रसायन शास्त्र के प्रोफेसर थोरबर्न बर्गमैन (Torbern Bergman) ने भी हासिल की थी। वे दोनों बुनियादी कार्बोनेटेड पानी (Basic Carbonated Water) बनाने में सफल रहे। इस बुलबुलों वाले पानी की खोज ने उद्योगपतियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इसे बड़े पैमाने पर कैसे बनाया जाए और इसे उत्सुक उपभोक्ताओं के बीच कैसे वितरित किया जाए?
19वीं सदी की शुरुआत तक, पूरे यूरोप में कई कार्बोनेटेड शीतल पेय (Carbonated Cold Drink) कंपनियां स्थापित हो चुकी थीं। पहली बोतलबंद सोडा पानी की शुरुआत 1835 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई।
शुरुआत में इन अग्रणी कंपनियों द्वारा बेचा जाने वाला कार्बोनेटेड पानी बेस्वाद और मीठा नहीं होता था, जिसे आमतौर पर सोडा वाटर (Soda Water) या सेल्ट्ज़र वॉटर (Seltzer Water) कहा जाता है। हालांकि, इसमें स्वाद और मिठास को मिलाने में ज्यादा समय नहीं लगा। दुनिया का पहला स्वादयुक्त सिरप (Flavored Syrup) 19वीं शताब्दी की शुरुआत में सामने आया, जिसमें अदरक और बर्च की छाल जैसी सामग्री को उनके कथित स्वास्थ्य लाभों के लिए डाला गया था। उस समय माना जाता था कि सोडा में औषधीय गुण होते हैं।
हालाँकि, 1830 के दशक तक, इन स्वास्थ्य-उन्मुख स्वादों के स्थान पर फलों के स्वादों और मिठासों को घोल दिया गया। 1865 तक, सोडा में मिलाने के लिए कई तरह के विकल्प सामने आ गये थे, जिनमें नारंगी, सेब, काली चेरी, नींबू और अंगूर कई अन्य स्वाद शामिल थे। 19वीं और 20वीं शताब्दी के दौरान, कार्बोनेटेड शीतल पेय उद्योग में तेजी से विकास देखा गया। प्रारंभ में, कार्बोनेटेड पेय 'सोडा फाउंटेन (Soda Fountain)' से सुसज्जित फार्मेसियों से खरीदे जाते थे, जो जल्द ही हर समुदाय का सामाजिक केंद्र बन गया। फिलिंग (Filling) और कॉर्किंग (Corking) के लिए पहली मशीन 1850 में डिजाइन की गई थी, और क्राउन बोतल कैप (Crown Bottle Cap) यानी ढक्कन के लिए एक पेटेंट (Patent) दायर किया गया था। ये ढक्कन कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की फ़िज़ को उड़ जाने से रोकते हैं। इसके बाद घरेलू उपभोग के लिए कार्बोनेटेड पेय पदार्थ बेचना काफी आसान हो गया। इसी के बाद कोका-कोला और पेप्सिको (Pepsico) जैसी कंपनियों का उदय होता है, जिनका आज के समय में कोला के बाज़ार में एकछत्र राज है। कोका-कोला कंपनी और पेप्सिको अपने उद्योग, लक्षित उपभोक्ताओं और मुख्य उत्पादों में कई समानताएं साझा करते हैं। दोनों ही कंपनियां पेय पदार्थ के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी मानी जाती हैं, और उपभोक्ताओं को पेय ब्रांडों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करती हैं। पहली नज़र में, कोका-कोला और पेप्सिको के व्यवसाय मॉडल एक जैसे दिखाई देते हैं। हालाँकि, वास्तव में दोनों की परिचालन रणनीतियाँ और बाज़ार पर कब्ज़ा करने के तरीके अलग-अलग हैं। 1892 में स्थापित कोका-कोला कंपनी 200 से अधिक पेय ब्रांडों के साथ एक व्यापक पेय कंपनी के रूप में अपनी ख़ास पहचान रखती है। 2022 में, इसने $43 बिलियन का शुद्ध राजस्व दर्ज किया। कोका-कोला मुख्य रूप से पेय पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसके तहत यह सोडा, पानी, चाय और जूस सहित अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पाद पेश करती है। इसके पेय पदार्थों की 2.2 बिलियन से अधिक सर्विंग्स प्रतिदिन (2.2 Billion Servings Per Day) खपत की जाती हैं। 2022 में, इसकी कुल बोतल/कैन बिक्री में कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की हिस्सेदारी 63% से अधिक थी। कोका-कोला का व्यापार उत्तरी अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया प्रशांत तक फैला हुआ हैं। कोका-कोला की “प्रतिस्पर्धा को पूरा करने” की रणनीति में प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण का विश्लेषण करना और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उत्पादन की गुणवत्ता, असाधारण सेवा और अन्य विपणन पहलुओं पर भरोसा करते हुए, इसकी कीमतों को समान स्तर पर निर्धारित करना शामिल है। चलिए अब एक नज़र आमतौर पर इसकी प्रतिस्पर्धी मानी जाने वाली कंपनी पेप्सिको पर भी डाल लेते हैं: 1898 में स्थापित पेप्सिको, ने आज खाद्य और पेय क्षेत्रों में उत्पादों की एक विविध श्रृंखला विकसित कर ली है। यह कंपनी एक प्रत्यक्ष मूल्य निर्धारण रणनीति को नियोजित करती है, जिसके तहत यह उपभोक्ता मांग के आधार पर कीमतें निर्धारित करती है। अपने 23 विभिन्न ब्रांडों और 2022 में लगभग 86.39 बिलियन डॉलर की वार्षिक बिक्री के साथ पेप्सिको का उत्पाद पोर्टफोलियो (Product Portfolio) बहुत व्यापक माना जाता है। हालाँकि कोका-कोला की भाँति केवल पेय पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, पेप्सिको ने जानबूझकर सोडा, वैकल्पिक पेय, स्नैक्स (Snacks) और अन्य उत्पादों सहित अन्य उपभोक्ता पैकेज्ड सामान बाजारों में विविधता ला दी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पेप्सिको का 58% राजस्व उसके खाद्य उत्पादों से आता है। 2022 में, तीन उत्तरी अमेरिकी डिवीजनों ने शुद्ध राजस्व का 61% उत्पन्न किया, जिसमें पेप्सिको बेवरेजेज (Pepsico Beverages) का कुल राजस्व 30% था। पेप्सिको की मूल्य निर्धारण रणनीति, उद्योग-अग्रणी रही है, जो ग्राहकों की मांग के आधार पर कीमतें निर्धारित करती है। यह कंपनी विशिष्ट क्षेत्र के आधार पर, आपूर्ति और खपत के आधार पर विभिन्न आकारों और कीमतों में पेय पदार्थ प्रदान करती है। चलिए दोनों कंपनियों के कुछ मूलभूत अंतरों पर संक्षेप में नज़र डालते हैं:
कोका-कोला और पेप्सिको दोनों ही विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांड हैं। कोका-कोला पेय पदार्थों में अग्रणी है, जबकि पेप्सिको की स्नैक और खाद्य उद्योग में मजबूत उपस्थिति है। राजस्व के मामले में, पेप्सिको 2022 में $86.39 बिलियन के साथ, कोका-कोला के $43 बिलियन की तुलना में अधिक बड़ा है। दोनों ही कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं, जैसे कि शुगर और पैकेजिंग स्थिरता (Packaging Stability) से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए नवाचार और अनुकूलन करती रहती हैं। पेप्सिको को खाद्य उत्पादों की विविधता के लिए जाना जाता है, जबकि कोका-कोला ने पेय पदार्थों पर ध्यान केंद्रित किया है। कोका-कोला के पास स्प्राइट (Sprite), फैंटा (Fanta) और पॉवरडे (Powerade) जैसे ब्रांड हैं, जबकि पेप्सिको के पास गेटोरेड (Gatorade), फ्रिटो-ले (Frito-Lay) और क्वेकर ओट्स (Quaker Oats) हैं। हालाँकि आपसी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद, कार्बोनेटेड शीतल पेय क्षेत्र में कोका-कोला की बाजार में बड़ी उपस्थिति है। हालाँकि एक ग्राहक या उपभोक्ता के तौर पर कार्बोनेटेड शीतल पेय या कार्बोनेटेड सोडा का सेवन करने के कुछ नुक़सान भी होते हैं, जिनसे आपको ज़रूर परिचित होना चाहिए।
जब आप मीठे, कार्बोनेटेड सोडा का सेवन करते हैं, तो शुगर आपके मुंह में बनी रहती है, जिससे दांतों में सड़न हो सकती है। इन पेय पदार्थों में मौजूद एसिड आपके दांतों के इनेमल को धीरे-धीरे नष्ट करके कैविटी (Cavity) के खतरे को और बढ़ा सकता है।
चलिए कार्बोनेटेड पेय के कुछ अन्य दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
डकार और सीने में जलन: कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में, कार्बन डाइऑक्साइड घुली हुई होती है, जो आपके पेट में शरीर के तापमान तक पहुंचने पर गैस में बदल जाती है। इससे बार-बार डकार आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड गैस के निर्माण के कारण आपका पेट फैल जाता है। जैसे ही आप डकार लेते हैं, भोजन और पेट का एसिड आपके अन्नप्रणाली में ऊपर आ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और खट्टे स्वाद का अनुभव हो सकता है।
मोटापे का खतरा: शुगर युक्त मीठा, कार्बोनेटेड पेय पीने से आपके आहार में अतिरिक्त कैलोरी जुड़ जाती है, जिससे संभवतः आपके अधिक वजन या मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। अप्रैल 2007 में "अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ (American Journal Of Public Health)" में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि ऐसे पेय पदार्थों के सेवन से अधिक वजन और मोटापे का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में और बच्चों और किशोरों की तुलना में वयस्कों में अधिक होता है। अधिक वजन और मोटापा टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes), हृदय रोग और ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) जैसी स्थितियों के विकसित होने के जोखिम को काफी बढ़ा देता है।
खराब पोषण: कार्बोनेटेड शीतल पेय पीने से आपके समग्र पोषक तत्व सेवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह आपके प्रोटीन, स्टार्च, आहार फाइबर और विटामिन बी-2 (Fiber And Vitamin B-2), या राइबोफ्लेविन (Riboflavin) की खपत को कम कर सकता है। सोडा पीने वाले लोग, सोडा न पीने वालों की तुलना में फल और फलों के रस का भी कम सेवन करते हैं। हड्डियों में कमजोरी: महिलाओं के लिए, कार्बोनेटेड पेय का सेवन आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है। अक्टूबर 2006 में "द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन (The American Journal Of Clinical Nutrition)" में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित और डाइट कोला (Diet Cola) पीती हैं, उनकी कूल्हे की हड्डियां कोला न पीने वाली महिलाओं की तुलना में कमजोर होती हैं।

संदर्भ
http://tinyurl.com/5e92cmbf
http://tinyurl.com/m33e8j7u
http://tinyurl.com/32849ubw

चित्र संदर्भ
1. झरने और कार्बोनेटेड पेय को संदर्भित करता एक चित्रण ( Wallpaper Flare, pxhere)
2. झरने से उठ रहे बुलबुलों को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. सोडा वाटर की बोतल को दर्शाता एक चित्रण ( Wallpaper Flare)
4. क्राउन बोतल कैप को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
5. कार्बोनेटेड पेय की बोतलों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. कोका-कोला और पेप्सिको की कैन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. कोका-कोला की बोतल को दर्शाता एक चित्रण (pexels)
8. पेप्सिको की बोतलों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
9. कार्बोनेटेड पेय पीते बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)

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