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एक दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह व्यक्त करने के लिए 14 फरवरी को पूरी दुनिया में वैलेंटाइन डे (Valentine's Day) के रूप में मनाया जाता है। वैलेंटाइन डे पर, लोग अपने साथियों के लिए उनके प्रेम और सहयोग का जश्न मनाते हैं और एक-दूसरे के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। वे दिल को छू लेने वाले हाथ से बने, आश्चर्यचकित कर देने वाले उपहार तैयार करके, रूमानी डेट (Date) पर जाकर, घर पर अपने साथी का पसंदीदा भोजन बनाकर, और अपने साथी के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताकर यह दिन मनाते हैं। लेकिन हाल के दिनों में, वैलेंटाइन डे पर विवाह पूर्व यौन संबंधों की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं, जिसके कारण अक्सर, महिलाओं को अवांछित और अनियोजित गर्भावस्था तथा पुरुषों को कई प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है। भारत में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 30% महिलाओं और 45% पुरुषों द्वारा विवाह पूर्व यौन संबंध बनाए गए। तो आइए, आज विवाह पूर्व यौन संबंधों से जुड़े विभिन्न जोखिमों के बारे में जानें। साथ ही यह भी जानें कि यौन गतिविधियों में शामिल होने के दौरान किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए।
कामुकता प्रत्येक जीवित प्राणी के जीन (Gene) की एक प्रमुख प्रवृत्ति है। प्रत्येक प्रजाति में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होता है जो उक्त प्रजाति के प्रजनन और अस्तित्व का प्रमुख कारक होता है। अधिकांश प्रजातियों में केवल कुछ समय के लिए ही यौन इच्छा होती हैं। वे साल में केवल सीमित समय पर ही संभोग और प्रजनन करते हैं। वहीं दूसरी ओर, मनुष्य में जीवन भर सक्रिय यौन प्रवृत्ति होती है। लेकिन कभी कभी यह प्रवृत्ति हमारी संस्कृति एवं नैतिकता पर हावी हो जाती है। अन्य सभी जानवरों के लिए यौन संबंधों से संबंधित कोई भी नियम या परिभाषा नहीं है, लेकिन मनुष्यों के लिए यौन संबंधों से संबंधित कुछ नियम हैं जैसे विवाह पूर्व यौन संबंधों पर प्रतिबंध और केवल विवाहेतर यौन संबंधों की इजाजत। इस प्रतिबंध को लागू करने के पीछे मुख्य कारण यह है कि अन्य सभी जानवरों के विपरीत मनुष्य नैतिकता और सांस्कृतिक दायित्वों के सख्त मानदंडों के साथ एक सभ्य समाज में रहते हैं।
हालाँकि यौवन की शुरुआत होते ही एक मनुष्य में प्रजनन की शारीरिक परिपक्वता आ जाती है, लेकिन समाज एवं कानून द्वारा उसे संभोग और प्रजनन के लिए केवल 18 या 20 वर्ष की आयु के बाद ही योग्य माना जाता है। समाज इस बात पर भी जोर देता है कि विवाह के बाहर यौन संबंध बनाना अनुचित और अवैध है। विवाहपूर्व यौन संबंध को विवाहित जीवन शुरू करने से पहले विपरीत लिंग या समान लिंग के साथी के साथ की गई किसी भी यौन गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर विवाह की कानूनी उम्र से पहले संभोग को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है।
हालांकि विवाह पूर्व यौन संबंध किसी भी आधुनिक समाज द्वारा स्वीकृत नहीं हैं, लेकिन फिर भी, विवाह पूर्व यौन संबंधों के कारण अनियोजित गर्भावस्था तथा कई प्रकार के यौन रोगों की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं, खासकर वैलेंटाइन डे के अवसर पर। इसलिए विवाह पूर्व यौन संबंध बनाने पर विचार करने वाले व्यक्तियों के लिए, सोच-समझकर निर्णय लेना आवश्यक होता है। इसमें संभावित जोखिमों और लाभों को समझना, अपने साथी के साथ अपने मूल्यों और विश्वासों पर चर्चा करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि दोनों भागीदारों ने स्वतंत्र रूप से अपनी सहमति दी है। इसके अलावा अनपेक्षित गर्भावस्था को रोकने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना और सुरक्षा का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है।
यौन गतिविधियों में शामिल होने से पहले, किसी भी व्यक्ति के लिए सुरक्षित यौन संबंध और सुरक्षा के महत्व को समझना आवश्यक है। यौन संचारित संक्रमण (STIs) और अनपेक्षित गर्भावस्था को रोकने के लिए कॉन्डम का उपयोग किया जाना चाहिए। अपने और अपने साथी के यौन स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए साझेदारों को नियमित रूप से STIs का परीक्षण भी करवाना चाहिए। यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि STIs और अनपेक्षित गर्भावस्था को रोकने में कॉन्डम 100% प्रभावी नहीं हैं। कॉन्डम के साथ-साथ गर्भनिरोधक के अन्य रूप, जैसे जन्म नियंत्रण गोलियाँ या अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (Intrauterine contraceptive device (IUD) का उपयोग भी किया जा सकता है। यौन गतिविधियों में संलग्न होने से पहले अपने साथी के साथ अपने यौन इतिहास और किसी भी संभावित जोखिम के बारे में संवाद करना भी आवश्यक होता है।
हालांकि हमारे समाज में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित बातें शर्मिंदगी पूर्ण एवं कलंक मानी जाती है। व्यक्ति इनके विषय में खुलकर बात करने से हिचकिचाते हैं, जिसके कारण अधिकांशतः युवाओं द्वारा गलत फैसले लिए जाते हैं। प्राचीन काल में तो मासिक धर्म वाली महिलाओं को भी अशुद्ध माना जाता था। प्यूरिटन (puritans) लोगों का मानना था कि यौन संबंध न बनाना पुण्य होता है। हमारे धार्मिक संस्थानों, विद्यालयों, और यहाँ तक कि कानून और लोकप्रिय मीडिया में भी यौन संबंधों के विषय में चर्चा करना शर्मिंदगी पूर्ण माना जाता है। आप इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि कई देशों में ऐसे कई कानून और नीतियां हैं जो एचआईवी (HIV) से पीड़ित लोगों के लिए यात्रा पर प्रतिबंध लगाते हैं या यौन कार्यो को अपराध मानते हैं। समलैंगिक होना दुनिया भर के 76 देशों में कानूनन अवैध है। इस तरह के कानून का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। एक शोध के दौरान सामने आया कि नाइजीरिया (Nigeria) में समलैंगिक संबंधों को अपराध घोषित करने के बाद पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में स्वास्थ्य देखभाल न लेने वाले पुरुषों की संख्या पहले की तुलना में 2.57 गुना बढ़ गई। दूसरी ओर, अमेरिका में समलैंगिक विवाह को वैध करने के बाद किशोरों में आत्महत्या के प्रयासों में 7% तक की गिरावट आई। अतः शोधकर्ताओं का मानना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्रों में से संबंधित जानकारी को साझा करने को कलंक मानने के बजाय इसके माध्यम से स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहिए और स्वास्थ्य परिणामों का मूल्यांकन करना चाहिए।
संदर्भ
https://rb.gy/mzf849
https://t.ly/dthHs
https://t.ly/Uu-17
चित्र संदर्भ
1. एक चिंतित भारतीय जोड़े को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. शारीरिक निकटता को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. युवा युगल को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
4. कॉन्डम को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
5. एचआईवी पीड़िता को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
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