आइए सैर करें दुनिया एवं भारत के सबसे पुराने किलों की

मघ्यकाल के पहले : 1000 ईस्वी से 1450 ईस्वी तक
15-02-2024 09:30 AM
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आइए सैर करें दुनिया एवं भारत के सबसे पुराने किलों की

हमारा देश भारत अपनी अनूठी एवं विविध वास्तुकला, चित्रकला, भाषा और साहित्य के लिए विश्व प्रसिद्ध है। भारतीय वास्तुकला सदियों से विकसित हुई है जो सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों का परिणाम है। भारत में विभिन्न स्थापत्य शैलियों में अनेक संरचनाओं का निर्माण किया गया है। भारत के पूरे इतिहास में निरंतरता के साथ विशाल विविधताओं के परिणामस्वरूप, वास्तुशिल्प नमूनों की एक विशाल श्रृंखला विकसित हुई है। भारत में ऐसे कई राजा एवं अन्य महान व्यक्ति हुए हैं, जिन्होंने कई महल एवं किले बनवाए। इन किलों में इंजीनियरिंग, वास्तुकला और इतिहास का शानदार उच्च स्तर देखने को मिलता है। तो आइए आज अपने इस लेख में भारत के सबसे पुराने किले के बारे में जानते हैं। साथ ही दुनिया के सबसे पुराने किले अमन्या पर एक नजर डालें। पुरातत्त्वविदों द्वारा साइबेरिया (Siberia) में प्रागैतिहासिक बस्तियों के अन्वेषण में सामने आया है कि 8,000 साल पहले वहां रहने वाले शिकारियों द्वारा जटिल रक्षात्मक संरचनाओं का निर्माण किया गया था। इन्हें दुनिया के सबसे पुराने किलों में से एक माना जा सकता है। यूरेशिया (Eurasia) में सबसे उत्तरी पाषाण युग का ऐसा ही एक किला ‘अमन्या’ (Amnya) है जो अमन्या नदी द्वारा निर्मित एक उच्च अंतरीप पर स्थित है। यह ‘यूराल’ (Ural) पर्वत के ठीक पूर्व में मॉस्को (Moscow) से लगभग 2,500 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है।
2019 में पुरातत्त्वविदों द्वारा इस स्थान के अन्वेषण में पाषाण युग के 10 किलेबंद स्थानों की पहचान की गई, जिनमें मिट्टी की दीवारों और लकड़ी के तख्तों से घिरे गड्ढे वाले घर शामिल हैं। प्रागैतिहासिक निवासी मछलियाँ पकड़ते थे और हड्डी तथा पत्थर लगे भाले से एल्क और बारहसिंगा का शिकार करते थे। माना जाता है कि मछली पकड़ने के लिए प्रागैतिहासिक कालीन लोगों ने नदी के किनारे किलेबंद बस्तियां स्थापित की। बढ़ती आबादी और संसाधनों के भंडारण के लिए उत्पन्न आवश्यकता और परस्पर प्रतिस्पर्धा के कारण लोगो में इस प्रकार के प्राचीन किलों के निर्माण की प्रेरणा जागृत हुई । अमन्या के किले मध्य यूरोप (Central Europe), एजियन (Aegean) और लेवंत (Levant) में पाए जाने वाले कृषि समुदायों से जुड़े सबसे पुराने बाड़ों और किलेबंदी से 1,000 साल से अधिक पुराने हैं। आइए, अब बात करते हैं भारत के सबसे पुराने मौजूदा किले की। भारत के पंजाब राज्य के बठिंडा शहर में स्थित किला मुबारक भारत का सबसे पुराना मौजूदा किला है। इस ऐतिहासिक स्मारक को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में मान्यता प्राप्त है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है। इस किले में उपयुक्त की गईं ईंटें कुषाण काल ​​की हैं। इस किले में 36 बुर्ज हैं और इसकी ऊँचाई लगभग 118 फुट है।
माना जाता है कि 90-110 ईसवी की अवधि के दौरान भाटी राजपूत राजा ‘राजा दब’ ने सम्राट कनिष्क के साथ मिलकर किले का निर्माण कराया था, ताकि हूण सम्राट कनिष्क के राज्य पर आक्रमण न कर सकें। 10वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में किला मुबारक हिंदू शाही वंश के शासक जयपाल के शासन के अधीन था। इसी किले में दिल्ली की गद्दी संभालने वाली पहली महिला रजिया सुल्तान को उसकी हार के बाद गद्दी से हटाकर जेल में डाल दिया गया था। इसी तरह अहमदनगर शहर के मध्य में प्रसिद्ध अहमदनगर किला समृद्ध भारतीय इतिहास का एक प्रतीक है। यह विशालकाय किला भारतीय इतिहास की उन महत्वपूर्ण स्मृतियों से भरा पड़ा है जिन्होंने निस्संदेह हमारे देश की नियति को आकार दिया है। निज़ाम शाही वंश के उत्थान का प्रतीक होने से लेकर, मुगलों के प्रभुत्व का प्रमाण होने, मराठों के जबरदस्त उत्थान का गवाह बनने और इससे भी महत्वपूर्ण, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने तक, अहमदनगर किले ने अपने विशाल परिसर में भारतीय इतिहास की सबसे अनमोल यादों को आज भी संजोकर रखा है। इस ऐतिहासिक किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में निज़ाम शाही राजवंश के पहले सुल्तान मलिक शाह अहमद ने करवाया था और इस विशाल किले का निर्माण करके उन्होंने अहमदनगर शहर में निज़ाम शाही राजवंश की नींव रखी थी। हालाँकि यह ऐतिहासिक किला भारत के अन्य प्रसिद्ध किलों के विपरीत अपने दर्शकों के बीच तुरंत कोई विस्मय और प्रशंसा पैदा नहीं करता है। लेकिन, शुरू से ही इसका विनम्र और साधारण दिखना वास्तव में महज एक धोखा है। इस किले की बनावट एवं रचना शैली से यह स्पष्ट होता है कि यह किला भारत के इतिहास में सैन्य और रणनीतिक रूप से अजेय किलों में से एक था और वास्तव में इस किले की अजेयता के कारण ही निज़ाम शाही राजवंश अहमदनगर शहर में अपनी जड़ें जमाने में सफल रहा था। इस किले में सैन्य आक्रमणों से बचाव के लिए 24 बुर्जों का निर्माण किया गया था जिसके कारण विशेष रूप से यह किला अजेय था। अपने चरम दिनों में प्रत्येक बुर्ज में आठ बंदूकें होती थीं। हालाँकि, आज अधिकांश बुर्ज खंडहर हालत में है।
भारतीय इतिहास की कुछ महानतम हस्तियों ने यहां अपने कुछ अंतरंग पल बिताए हैं और भारतीय इतिहास की कुछ महानतम घटनाएं भी इसी किले के अंदर घटित हुई हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (The Discovery of India) इसी किले के अंदर लिखी थी जब उन्हें अंग्रेजों ने यहां कैद कर लिया था। मुगल सम्राट औरंगजेब ने भी अपना अंतिम समय इसी प्रसिद्ध किले के अंदर बिताया था। यह किला कई शक्तिशाली साम्राज्यों के उत्थान और पतन का भी एक प्रतीक है, क्योंकि मुगलों, मराठों और अंग्रेजों सहित कई महान साम्राज्यों ने अपने प्रभुत्व के दौरान इस किले पर विजय प्राप्त की थी। दूसरे शब्दों में, यह किला भारत के समृद्ध इतिहास का प्रमाण है। वर्तमान में यह ऐतिहासिक किला भारतीय सेना के अधीन है। आज यहां का प्रमुख आकर्षण एक संग्रहालय है जो वास्तव में एक जेल थी जहां पंडित नेहरू सहित कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था।
हमारे शहर जौनपुर में भी शाही पुल के करीब स्थित 14वीं शताब्दी में बना एक किला है जिसे शाही किला, करार किला, जौनपुर किला जैसे कई नाम दिए गए हैं। इस किले का निर्माण वर्ष 1360 में सुल्तान फिरोजशाह तुगलक द्वारा कराया गया था। मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान किले का जीर्णोद्धार और विकास किया गया। इस किले का प्रवेश द्वार 14 मीटर ऊंचा है जिसके दोनों तरफ कक्ष हैं। मुगल साम्राज्य के दौरान, अकबर के गवर्नर मुनीम खान ने पूर्वी प्रवेश द्वार की ओर एक अतिरिक्त प्रांगण बनवाया, जिसमें 11 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार था। यह किला एक अनियमित चतुर्भुज के रूप में है जिसमें पूर्व में मुख्य प्रवेश द्वार और पश्चिम में एक अतिरिक्त निकास द्वार है। किले के दरवाजे, दीवारों एवं अन्य संरचनाओं पर तराशे गए पत्थर लगाए गए हैं। किले में बंगाली शैली में बनी एक मस्जिद भी है, जिसमें तीन निचले गुंबद हैं। इसमें 12 मीटर लंबा एक स्तंभ है जिस पर एक फ़ारसी शिलालेख खुदा हुआ है, जिसमे 1376 में इब्राहिम नायब बारबक द्वारा मस्जिद के निर्माण की कहानी का वर्णन किया गया है।

संदर्भ

https://shorturl.at/aiwN8
https://shorturl.at/iyBJ5
https://shorturl.at/msv47
https://shorturl.at/ilNR7

चित्र संदर्भ

1. किला मुबारक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. ‘अमन्या’ को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. किला मुबारक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. अहमदनगर किले को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. खंडहर हो चुके अहमदनगर किले को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. अहमदनगर किले में रखी गई तोप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. जौनपुर के शाही किले दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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